Virus in India : नई दिल्ली। देश-दुनिया में पिछले दो साल से कोरोना वायरस ने भयानक तबाही मचाई है। अबतक कोरोना का असर पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ है और नए-नए वायरस ने दुनिया को चारों तरफ से घेर लिया है। कोरोना के बीच ही दुनिया में और भी कई खतरे मंडराने शुरू हो गए हैं। वैज्ञानिक पहले ही इन वायरस को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। ऐसे में नए-नए वायरस सामने आने के बाद दुनिया पर एक और महामारी का खतरा मंडराने लगा है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
WHO (विश्व स्वस्थ्य संगठन) के हालिया रिपोर्ट्स की माने तो दुनिया के कई देशों में इस समय कोरोना के अलावा और भी कई गंभीर बीमारियां फैल रहीं हैं। अबतक दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा 33 देशों में बच्चों में एक्यूट हेपेटाइटिस (Acute hepatitis) के 650 मामले सामने आए हैं।
भारत में भी कोरोना के अलावा दूसरी अन्य बीमारियां पैर पसार रहीं है। खास तौर पर केरल में। केरल राज्य में इन दिनों टोमैटो फ्लू (Tomato flu), वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever), स्वाइन फ्लू (Swine Flu) और नोरोवायरस (Norovirus) से या तो मौत हो चुकी है या इनके मरीज मिले हैं।
मंकीपॉक्स: WHO से मिली जानकारी के अनुसार, 2 जून तक दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स के 780 मामले सामने आ चुके हैं। चिंता की बात ये है कि ये बीमारी उन जगहों पर फैल रही है, जहां ये वायरस एंडेमिक स्टेज में नहीं है। मंकीपॉक्स दुनिया में बहुत तेजी से फैल रहा है। 29 मई तक 257 मामले सामने आए थे, जबकि 2 जून तक इनकी संख्या बढ़कर 780 पर पहुंच गई। राहत की बात ये है कि अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।
एक्यूट हेपेटाइटिस: अबतक एक्यूट हेपेटाइटिस (Acute hepatitis) के दुनिया के 33 देशों में 650 मामले सामने आए हैं। अभी ये बीमारी बच्चों में फैल रही है। WHO के मुताबिक, इस बार ये बीमारी ज्यादा गंभीर है और बच्चों लिवर फेल्योर का कारण बन रही है।
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Hemorrhagic फीवर: दरअसल,ये बीमारी इराक में फैल रही है। इसका पूरा नाम Crimean-Congo Hemorrhagic Fever है। 1 जनवरी से 22 मई तक इसके 212 मामले सामने आ चुके हैं और 7 लोगों की मौत हो चुकी है। ये बीमारी संक्रमित जानवर को खाने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है।
स्वाइन फ्लू: 11 मई को जर्मनी ने बताया था कि स्वाइन फ्लू (H1N1) का एक मामला सामने आया था। ये मामला नॉर्थ राइन-वेस्टफालिया में सामने आया था। हालांकि, उसके बाद से यहां कोई केस सामने नहीं आया है। बुरी बात ये है कि भारत में भी केरल के कोझिकोड में 12 साल की एक बच्ची की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी।
मर्स: 2012 में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी MERS का पहला मामला सामने आया था। ये भी कोरोना वायरस फैमिली का ही वायरस है। इससे 850 से ज्यादा मौतें हुई थीं। हाल ही में ओमान में 34 साल का एक व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित मिला है। इसके बाद उसके संपर्क में 6 करीबी और 27 हेल्थकेयर वर्कर्स को आइसोलेट कर दिया गया।
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नोरोवायरस ( Norovirus): केरल में नोरोवायरस (Norovirus) के दो मामले सामने आए हैं। तिरुवनंतपुरम के दो स्कूली बच्चों में ये संक्रमण मिला है। उल्टियां और दस्त इसके प्रमुख लक्षण हैं। संक्रमित होने के 12 से 48 घंटे बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। एक से तीन दिन में इससे ठीक हुआ जा सकता है, लेकिन कई बार इससे गंभीर बीमारी भी हो जाती है।
टोमैटो फ्लू (Tomato Flu): देश के केरल राज्य के ही कोल्लम जिले में पिछले महीने 80 बच्चे टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) से संक्रमित मिले थे। इस बीमारी से संक्रमित होने पर शरीर पर लाल चिकत्ते बन जाते हैं, इसलिए इसे टोमैटो फ्लू कहा जाता है। इस बीमारी से छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा है।
वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever): भारत में पिछले महीने केरल में वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever) से 47 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस वायरस से केरल में तीन साल बाद किसी की मौत हुई है। इससे पहले 2019 में इससे मौत हुई थी। वेस्ट नाइल फीवर मच्छरों के जरिए इंसानों में फैलता है।
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