नई दिल्ली। Vinesh Phogat Petition Dismissed : पेरिस ओलंपिक में भारत के पास सिल्वर मेडल की एक उम्मीद थी जो अब वो भी खत्म हो गई है। विनेश फोगाट केस में बड़ी खबर सामने आ रही है। उनका केस खारिज कर दिया गया है। अब उन्हें मेडल नहीं मिलेगा। बता दें कि विनेश फोगाट को फाइनल मुकाबले के दिन तय मानकों से 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने के कारण पेरिस ओलंपिक्स से डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। इस संबंध में उन्होंने सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील की थी, जिसका फैसला 16 अगस्त को सुनाया जाना था मगर अब कई दिनों के इंतज़ार के बाद अपील खारिज हो गई है।
भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले तय वजन सीमा से 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया था। इस फैसले के बाद जहां भारतीय ओलंपिक संघ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी तो वहीं विनेश भी काफी निराश हुईं। विनेश फोगाट ने इस फैसले को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) अपील की थी कि उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाए जिस पर अब सीएएस का फैसला आ गया है और उन्होंने विनेश फोगाट की इस अपील को खारिज करने के साथ सिल्वर मेडल भी देने से मना कर दिया है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने जब गोल्ड मेडल मैच के लिए अपनी जगह को पक्का किया था तब वह भारत की पहली महिला रेसलर बन गई थीं जो ओलंपिक के इतिहास में किसी भी किलोग्राम कैटेगिरी का फाइनल मुकाबला खेलने जा रहीं थी, लेकिन मेडल मैच की सुबह जब उनका वजन मापा गया तो वह तय सीमा से 100 ग्राम अधिक था ऐसी स्थिति में विनेश को मुकाबले के लिए अयोग्य करार दे दिया गया था। विनेश ने अपने वजन को कम करने के लिए मुकाबले से एक रात पहले जॉगिंग, साइकलिंग करने के साथ अपने बाल और नाखून तक काटे लेकिन फिर भी वह सिर्फ 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से चूक गईं।
विनेश फोगाट डिसक्वालीफाई होने के बाद जहां काफी निराश थीं तो वहीं उन्होंने 8 अगस्त की सुबह कुश्ती से अपने संन्यास का भी ऐलान कर दिया। विनेश ने रेसलिंग में कॉमनवेल्थ से लेकर एशियन गेम्स में पदक जीते हैं। वहीं उन्हें भारत सरकार की तरफ से साल 2016 में जहां अर्जुन पुरस्कार मिला था तो साल 2020 में विनेश को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया।
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