शिमला: सिविल यूनिफॉर्म कोड को लेकर भले ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस पर अपनी राय स्पष्ट ना कर पाई हो और लगातार समाज, धर्मो के बीच आमराय बनाने की बात कर रही हो, लेकिन इसी बीच हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर यूसीसी का खुलकर समर्थन किया है। (Vikramaditya Singh supported UCC) उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने हमारे देश में एकता और अखंडता को आगे ले जाने में हमेशा योगदान दिया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड जब भी आएगा हम इसका समर्थन करेंगे। कांग्रेस पार्टी ने हमारे देश में एकता और अखंडता को आगे ले जाने में हमेशा योगदान दिया है: हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2023
वही भाजपा ने विक्रमादित्य सिंह के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रया दी है। पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। ये उचित है। आज अगर विक्रमादित्य ने ऐसा सोचा है तो उन्होंने कांग्रेस के हित से ज्यादा देश का हित जाना है, इसी कारण से उन्होंने ये भाव व्यक्त किया है। अधिकांश पार्टियों का मत यही होगा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए।
#WATCH मुझे लगता है उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। ये उचित है। आज अगर विक्रमादित्य ने ऐसा सोचा है तो उन्होंने कांग्रेस के हित से ज्यादा देश का हित जाना है, इसी कारण से उन्होंने ये भाव व्यक्त किया है….अधिकांश पार्टियों का मत यही होगा कि UCC लागू होना चाहिए: हिमाचल… https://t.co/plZLeISImO pic.twitter.com/gT3jTdoil5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2023
विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के एक प्रमुख कांग्रेस नेता हैं। हाल ही में राज्य विधानसभा चुनावों में जीत के बाद उन्हें विधायक के रूप में नियुक्त किया गया है। वह हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी विधवा प्रतिभा सिंह के पुत्र भी हैं, जो पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख थीं। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश में शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं और (Vikramaditya Singh supported UCC) उन्होंने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भारी मतों से चुनाव जीता है। वह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष प्रचारकों में से एक थे। उन्होंने अपनी मां प्रतिभा सिंह को अगला सीएम बनाने के लिए भी एक टीम के तौर पर काम किया। गौरतलब हैं कि विक्रमादित्य पर उनकी पत्नी ने दहेज़ प्रताड़ना के भी आरोप लगाए थे।