तिरुवनंतपुरम, 14 दिसंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे राज्य द्वारा विझिनजाम बंदरगाह परियोजना के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) को किश्तों में चुकाने संबंधी केंद्र के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने यह भी कहा कि यह धनराशि राज्य द्वारा पुनर्भुगतान पर किसी प्रकार का जोर दिए बिना दी जानी चाहिए।
अपने खुले पत्र में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना देश का एकमात्र ऐसा मामला होगा, जिसमें भारत सरकार ने प्रदत्त वीजीएफ सहायता की वापसी की मांग की है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) द्वारा बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) को वित्तीय सहायता योजना के तहत वीजीएफ का लाभ उठाने के लिए विझिनजाम बंदरगाह परियोजना की संरचना की गई है।
मंत्रालय ने परियोजना के लिए वीजीएफ के रूप में 817.80 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है।
हालांकि वीजीएफ का लाभ उठाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यह शर्त लगाई थी कि भारत सरकार द्वारा वितरित वीजीएफ सहायता को केरल सरकार द्वारा प्रीमियम (राजस्व) हिस्सेदारी के माध्यम से शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) की शर्तों में चुकाया जाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है, ‘‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि केंद्र सरकार द्वारा निधि की वापसी पर जोर दिया जाता है, तो प्रदान की जाने वाली सहायता पूंजी अनुदान नहीं होगी, बल्कि ऋण होगी। यह स्पष्ट रूप से योजना के मूल उद्देश्य के विपरीत है।’’
भाषा शुभम
देवेंद्र
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