वेंकैया नायडू ने 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की

वेंकैया नायडू ने 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की

वेंकैया नायडू ने 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: December 16, 2021 12:06 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को 50वें विजय दिवस के अवसर पर, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान असाधारण वीरता और अटूट देशभक्ति प्रदर्शित करने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उपराष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘ विजय दिवस के अवसर पर मैं 1971 के युद्ध में शहीद हुए हमारे वीर सैनिकों की कीर्ति को कृतज्ञतापूर्वक प्रणाम करता हूं और उनके परिजनों के धैर्य को विनम्र नमन करता हूं। आपके युद्ध कौशल ने भारतीय सेना की शौर्य परंपरा में नया अध्याय जोड़ा, जो देश की रक्षा सेनाओं के लिए सदैव प्रेरणा-स्तंभ रहेगा।’’

नायडू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पचास वर्ष पूर्व, 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। हमारी सेनाओं ने युद्ध में देश को निर्णायक विजय दिलाई थी। विजय दिवस के इस गौरवशाली अवसर पर उस युद्ध में भाग लेने वाले भारत की तीनों सेनाओं के सभी सैनिकों का अभिनंदन करता हूं।’’

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ज्ञात हो कि 1971 में आज ही के दिन पूर्वी पाकिस्तान के चीफ मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी और पूर्वी पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तानी सैन्य बलों के कमांडर ने बांग्लादेश के गठन के लिए ‘इंन्स्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर’ पर हस्ताक्षर किए थे।

नियाजी ने ढाका में भारतीय और बांग्लादेश बलों का प्रतिनिधित्व कर रहे जगजीत सिंह अरोरा की उपस्थिति में ये हस्ताक्षर किए थे। 1971 में नौ महीने तक चले युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया।

भाषा रवि कांत मनीषा

मनीषा


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