धौलपुर: Vasundhara Raje and Meghwal Save My Government राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार 2020 के राजनीतिक संकट से बच गई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कैलाश मेघवाल ने उनकी सरकार को गिराने के ‘षडयंत्र’ का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस के बागी विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना काम कर सकें।
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Vasundhara Raje and Meghwal Save My Government गौरतलब है कि गहलोत के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में उनके नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीने भर चला संकट समाप्त हुआ था। इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्होंने राज्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी प्रमुख के रूप में भैरों सिंह शेखावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया क्योंकि यह अनुचित था, वो ही बात कैलाश मेघवाल ने और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि हमारे यहां कभी परंपरा नहीं रही है.. इसप्रकार चुनी हुई सरकारो को पैसे के बल पर गिराने की ।
गहलोत ने कहा, ‘‘जब भैरोसिंह शेखावत थे मुख्यमंत्री उस वक्त उनकी पार्टी के लोग सरकार गिरा रहे थे.. मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था.. मेरे पास लोग आये.. उस वक्त भी पैसा बंटने लगा था .. जैसे अभी बंटा .. मैंने उन्हें कहा.. भले आदमियों तुम्हारे नेता भैंरोंसिह शेखावत मुख्यमंत्री हैं… मैं प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष हूं। वो बीमार हैं इसलिये अमेरिका गये हुए है और तुम पीछे से षडयंत्र करके सरकार गिरा रहे हो। मैं तुम्हारा साथ नहीं दूंगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘अगर मैं चाहता तो उनके साथ शामिल हो जाता और भैरो सिंह की सरकार गिर सकती थी…मैंने उनसे कहा तुम यह अनैतिक काम कर रहे हो.. जो आदमी बीमार है..वहां पर उसके तीन तीन ऑपरेशन हुए हैं और तुम पीछे से सरकार गिरा रहे हो। वो ही बात कैलाश मेघवाल ने और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि हमारे यहां कभी परंपरा नहीं रही है.. पैसे के बल पर इसप्रकार चुनी हुई सरकारो को गिराने की।’’
गहलोत ने कहा भाजपा विधायक शोभारानी ने भी वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी और कहा कि मुझे भी ऐसे लोगो का साथ नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिये हमारी सरकार बची है। जिंदगी में यह घटना मैं कभी भूल नहीं सकता जो मेरे साथ बीती थी।’’ गौरतलब है कि गहलोत और राजे पर अक्सर उनके विरोधी एक-दूसरे के प्रति ‘नरम’ रहने का आरोप लगाते हैं। दोनों नेताओं ने ऐसी किसी भी समझौते से इनकार किया है। कुछ दिनों पहले राजे ने गहलोत के साथ मिलीभगत के आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि ‘दूध और नींबू’ का रस कभी नहीं मिलता। धौलपुर से भाजपा विधायक कुशवाहा ने पिछले साल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था इससे पूर्व उन्होंने दावा किया, ‘‘जो संकट आया हमारे ऊपर आया था… केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र शेखावत इन सबने मिलकर षडयंत्र किया था.. उन्होंने राजस्थान में पैसे बांटे थे.. वे पैसे वापस ले नहीं ले रहे हैं.. मुझे चिंता लगी हुई है.. पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं.. वापस क्यों नहीं मांग रहे है इनसे (विधायको से) पैसा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यहां तक कह दिया हमारे विधायकों को जिससे पैसा लिया है मानलो 10 करोड़ लिया है.. 20 करोड़ लिया है जो भी लिया है.. और आपने कुछ खर्च कर दिया हो.. वो खर्च किया हुआ हिस्सा मैं दे दूंगा.. कांग्रेस (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) से दिलवा दूंगा।’’ गहलोत ने विधायकों से अमित शाह को पूरा पैसा वापस लौटाने को कहा। उन्होंने कहा,‘‘..उनका (अमित शाह का) पैसा मत रखो.. उसका पैसा रखोगे.. हमेशा अमित शाह आप पर दबाव बना कर रखेंगे।’’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वो गृहमंत्री भी हैं.. वो धमकायेगा, डरायेगा.. जैसे वो गुजरात में डराता, धमकाता है.. महाराष्ट्र में धमका कर शिवसेना के दो टुकडे कर दिये.. 25 विधायकों को ले गया.. बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं अमित शाह।’’ उन्होंने कहा ‘‘ मैंने विधायकों को कहा है.. तुमने गलती कर दी कोई बात नहीं… भूलो माफ करो.. तुमने खर्च कर दिया करोड़, दो करोड़ बता दीजिये मुझे वो मै खाना पूर्ति करूंगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को कहकर .. उनका पैसा वापस दो आप लोग.. ताकि दबाव नहीं रहे आप लोगों पर और ईमानदारी से काम कर सको.. मै पूरा साथ दूंगा आपका’’
उन्होंने कहा कि ‘‘मुझे तीन तीन बार मुख्यमंत्री बना दिया सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने तो मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं पुरानी बात भूलकर सबको साथ लेकर चलूं.. और पार्टी को विधानसभा चुनाव में वापस जिता कर लाऊं।’’ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह क्षेत्र में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वहां एक महंगाई राहत शिविर का भी निरीक्षण किया। गहलोत ने 2020 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत की जानकारी देने के लिए कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा, चेतन डूडी और दानिश अबरार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये तीन विधायक, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले छह विधायकों और निर्दलीय विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान उनका समर्थन किया था और उनकी सरकार को बचाया था। गहलोत ने कहा कि सरकार में मंत्री बनने के असली हकदार ये लोग थे, लेकिन वह उन्हें मंत्री के रूप में नियुक्त नहीं कर सके क्योंकि उसके कुछ राजनीतिक कारण थे और वह इसके लिए दुखी महसूस कर रहे हैं। वहीं, वसुन्धरा राजे ने गहलोत के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत ने गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है,जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्व विदित है।
राजे ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनो अपराध हैं,यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो गहलोत प्राथमिकी दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा, ‘‘ सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बग़ावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने (गहलोत ने) ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए हैं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त में स्वय गहलोत को महारत हासिल है जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के बावजूद सरकार बनाई। हम भी सरकार बना सकते थे लेकिन यह भाजपा के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ था।’’ राजे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री द्वारा मेरी तारीफ़ करना मेरे ख़िलाफ़ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है।मेरा जितना जीवन में अपमान गहलोत ने किया कोई कर ही नहीं सकता। वह 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहें है,जो दुर्भाग्य पूर्ण है पर उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है।’’ उल्लेखनीय है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीने भर से चला आ रहा संकट समाप्त हो गया था।