‘हादसा देखकर कांप उठी थी रूह, नहीं थी खाई में उतरने की हिम्मत’ प्रत्यक्षदर्शी ने बताई उत्तरकाशी हादसे की पूरी कहानी

'हादसा देखकर कांप उठी थी रूह, नहीं थी खाई में उतरने की हिम्मत'! Uttarkashi Bus Accident: incident so horrific that it difficult muster courage

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  • Publish Date - June 6, 2022 / 05:51 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

उत्तरकाशी: Uttarkashi Bus Accident उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में डामटा के पास रविवार शाम हुई बस दुर्घटना का भयावह मंजर देखकर पीछे आ रहे वाहनों के यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए खाई में उतरने की हिम्मत जुटाना मुश्किल हो गया। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर डामटा से थोड़ा आगे रिखाऊं खड्ड में एक बस के खाई में गिरने से उसमें सवार मध्य प्रदेश के 26 यात्रियों की मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के समय बस 30 यात्रियों को लेकर यमुनोत्री धाम जा रही थी। हादसे के समय बस के ठीक पीछे उत्तरकाशी जिला पंचायत के सदस्य हाकम सिंह भी अपनी कार से यमुनोत्री की तरफ जा रहे थे, जो इस पूरी घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं।

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Uttarkashi Bus Accident उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रिखाऊं खड्ड में शाम के करीब सात बजे एक हल्द्वानी नंबर की बस करीब 250 मीटर गहरी खाई में गिरी, तो चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। इस बस के नीचे गिरते ही आगे पीछे चल रही बसें भी रुक गईं और बसों में सवार यात्री नीचे खाई में उतरने का प्रयास करने लगे। हालांकि, गहरी खाई और चीख पुकार के बीच नीचे जाने की राह उन्हें आसान नजर नहीं लग रही थी। हाकम सिंह ने बताया कि उन्होंने भी अपने कुछ साथियों के साथ नीचे उतरना शुरू किया। उन्होंने बताया कि हादसे के करीब आधे घंटे के बाद पुलिस और बचाव टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक स्थानीय लोग खाई में उतर चुके थे।

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हाकम सिंह ने बताया कि जब वे दुघर्टनाग्रस्त बस के पास पहुंचे तो हर तरफ लोगों के शव बिखरे हुए थे। उन्होंने बताया कि करीब 17 उनके सामने निकाली गई। वहां पांच लोग घायल अवस्था में नजर आए, जिनमें से एक ही व्यक्ति थोड़ा बातचीत करने की स्थिति में था। उसी व्यक्ति ने बताया कि सभी यात्री मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के निवासी हैं और यमुनोत्री दर्शन के लिए जा रहे थे। हाकम सिंह के अनुसार यात्रियों को बड़कोट में रुकना था, लेकिन उससे पहले ही यह हादसा हो गया।

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जिस जगह पर गाड़ी गिरी वो जगह काफी चौड़ी बताई जा रही है। घटना स्थल से लौटे एनडीआरएफ के निरीक्षक संजय ने बताया कि घटना स्थल की खाई पर आम आदमी के लिए जाना बहुत कठिन कार्य था। 75 डिग्री की ढलान पर अंधेरी रात में चढ़ना-उतरना अनजान लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। संजय ने बताया कि उन्हे तो इस प्रकार की घटनाओं के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए बहुत ज्यादा समस्या नहीं आती है, लेकिन स्थानीय लोग जिस प्रकार से रात के अंधेरे में 500 मीटर गहरी खाई में घटना स्थल पर मदद के लिए जा रहे थे, वह बहुत चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने बताया की रात में लगभग आठ बजे तक चार घायलों को सड़क पर लगाया गया, जबकि रात तीन बजे सभी मृतकों को सड़क पर ले आए थे।

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