देहरादून, 13 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के बसंत विहार क्षेत्र के अलकनंदा एनक्लेव में स्थित एक मकान में घुसकर उसमें अकेले रहने वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के सेवानिवृत्त इंजीनियर की हत्या करने के मामले में दो आरोापियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अशोक कुमार गर्ग (75) सोमवार की रात अपने घर के शौचालय में लहूलुहान हालत में पड़े मिले थे। उनके पेट तथा गले पर चाकुओं के गहरे जख्म थे। पुलिस द्वारा उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों नवीन कुमार चौधरी (36) और अनंत जैन (29) को बृहस्पतिवार को इंद्रानगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से मृतक का पर्स, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड और 1500 रूपये नकद बरामद हुए हैं । दोनों आरोपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। कीट नियंत्रक का काम करने वाला नवीन कुमार मेरठ का रहने वाला है जबकि फाइनेंस का काम करने वाला अनंत जैन बागपत का निवासी है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चौधरी अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी के आराम को देखते हुए ऐसा मकान तलाश कर रहा था जो भूतल पर हो। उसने यह बात अलकनंदा एनक्लेव में ही किराए पर रहने वाले अपने मित्र जैन को बतायी। जैन ने चौधरी को बताया कि उसकी कॉलोनी में रहने वाले गर्ग का मकान खाली है जिसके बाद नौ दिसंबर को दोनों उनका मकान देखने गए।
सिंह ने बताया कि पांच साल पहले पत्नी के देहांत के बाद से अकेले रह रहे गर्ग अपने मकान के पिछले हिस्से में एक कमरे के लिए कोई किराएदार ढूंढ रहे थे। गर्ग की दो विवाहित पुत्रियां हैं जो गुरुग्राम और चेन्नई में रहती हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और उन्होंने गर्ग को अकेला देखकर उन्हें लूटने की योजना बनाई।
योजना के तहत आरोपी गर्ग का मकान किराए पर लेने को राजी हो गए। सोमवार शाम को वे किराए का एडवांस देने के बहाने फिर गर्ग के यहां पहुंचे।
सिंह ने बताया कि आरोपियों ने पहले गर्ग से पैसे मांगे लेकिन जब उन्होंने घर में नकदी होने से इंकार कर दिया तो उन्होंने उनका एटीएम कार्ड ले लिया और उसका पिन मांगने लगे । जब गर्ग ने पिन बताने से इनकार कर दिया तो दोनों ने उन पर पेपरकटर से हमला कर दिया और उनके गले और पेट पर गहरे घाव कर दिए जिससे उनकी मौत हो गयी।
भाषा
दीप्ति, रवि कांत
रवि कांत