Uttarakhand Tunnel Video Viral : देहरादून। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर जो 17 दिनों तक फंसे हुए थे वह मंगलवार को बाहर आकर नई जिंदगी हासिल की है। बाहर आते ही सबसे पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गले लगाया और सभी का स्वागत किया। तो वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर सभी मजदूरों से बात कर उनका स्वास्थ्य और हाल चाल जाना साथ ही उनका हौसला बढ़ाया। मजदूरों के परिजनों ने भी शासन प्रशासन का धन्यवाद किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी मजदूरों को मुआवजे के तौर पर एक एक लाख रूपए देने का भी ऐलान किया है।
Uttarakhand Tunnel Video Viral : इस बीच हमारे दिन में एक सवाल उठता है कि आखिर टनल के अंदर मजदूर कैसे रहते होंगे और वहां का दृश्य कैसा होगा। तो चलिए आज हम आप सभी को बताते हैं कि टनल में मजदूरों ने कैसे 17 दिनों तक अपना जीवन यापन किया। हालही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें एक मजदूर वीडियो बनाते हुए बता रहा है कि वह लोग कैसे वहां रहे और खाने पीने का सामान कैसे आता था।
इस वीडियो में नजर आ रहा है कि दर्जन भर मजदूर एक जगह पर खड़े हुए हैं। सामने एक सफेद रंग का कपड़ा सा बिछा हुआ है। उसमें कुछ खाने का सामान है। उसके आगे पाइप है। मजदूर कपड़े में से भोजन उठाकर खा रहे हैं। वीडियो बनाने वाला युवक कहता है कि पहाड़ में फंसे हुए 36 घंटे हो गए हैं। अभी भी ओपन नहीं है पहाड़। वीडियो में सेब फल का ढे़र लगा नजर आ रहा है। इसके अलावा कई मजदूर आराम करते नजर आ रहे हैं। सुरंग में बिजली सप्लाई होने के कारण अंधेरा नहीं दिखा। जिनके पास स्मार्ट फोन था वह लोग उस पर टाइम पास करते नजर आ रहे हैं।
Visuals of the 2-km stretch inside Silkyara tunnel in Uttarkashi where 41 workers were trapped for 17 days, before they were rescued on November 28.
In the video, made by one of the trapped workers, they can be heard motivating each other. pic.twitter.com/ds2k8W7Jis
— Press Trust of India (@PTI_News) November 30, 2023
बता दें कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए 41 श्रमिक एम्स ऋषिकेश में सघन स्वास्थ्य परीक्षण में स्वस्थ पाए गए। बुधवार को प्राथमिक जांच में भी सभी श्रमिक स्वस्थ पाए गए थे। इसको देखते हुए एम्स प्रशासन ने 40 श्रमिकों को घर जाने की अनुमति दे दी, जबकि एक को बुखार आने के चलते चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।