उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी के बीच भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एमओयू पर हस्ताक्षर

उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी के बीच भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एमओयू पर हस्ताक्षर

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  • Publish Date - January 17, 2025 / 03:50 PM IST,
    Updated On - January 17, 2025 / 03:50 PM IST

देहरादून, 17 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी ‘वर्किस कंसल्टिंग इंजीनियर्स’ के बीच शुक्रवार को प्रदेश में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और इसके विकास से संबंधित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए गए ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुल्सन की उपस्थिति में एमओयू पर दस्तखत किए गए।

वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल मुख्यमंत्री ने समझौता ज्ञापन को उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक ‘मील का पत्थर’ बताया।

उन्होंने कहा कि भूतापीय ऊर्जा के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित रहते हुए समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

उन्होंने कहा कि आइसलैंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इसके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भी भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा।

धामी ने कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों- पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इस संबंध में अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा की व्यावहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार द्वारा किया जाएगा।

गौरतलब है भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के एक आकलन में उत्तराखंड में लगभग 40 भू-तापीय स्थल चिह्नित किए गए हैं जहां भूतापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है।

वर्किस, आइसलैंड की एक प्रमुख कंपनी है जो भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक विशेषज्ञता रखती है। माना जा रहा है कि वर्किस की तकनीकी क्षमताएं और अनुभव उत्तराखंड में भूतापीय परियोजनाओं को तेजी से और कुशलता से विकसित करने में सहायक होंगे। इससे भारत के 2070 तक ‘निवल शून्य’ कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में और तेजी से बढ़ा जा सकेगा।

इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा आइसलैंड दूतावास के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

भाषा दीप्ति संतोष

संतोष