उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने यूसीसी अधिनियम की नियमावली को मंजूरी दी

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने यूसीसी अधिनियम की नियमावली को मंजूरी दी

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने यूसीसी अधिनियम की नियमावली को मंजूरी दी
Modified Date: January 20, 2025 / 04:41 pm IST
Published Date: January 20, 2025 4:41 pm IST

देहरादून, 20 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सोमवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) अधिनियम की नियमावली को अपनी मंजूरी दे दी।

अपनी अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में धामी ने कहा कि यूसीसी अधिनियम की नियमावली को मंजूरी दे दी गयी है और उसे लागू करने की तिथि की घोषणा जल्द कर दी जाएगी।

धामी ने कहा, ‘‘यूसीसी अधिनियम बनने के बाद हमारी प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो गयी है। आज मंत्रिमंडल की बैठक में हमने इसे जल्द से जल्द लागू करने को लेकर चर्चा की। सभी चीजों की समीक्षा करने के बाद हम इसे लागू करने की तारीखों का जल्द ऐलान करेंगे।’’

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इससे पहले, मुख्यमंत्री ने पिछले महीने दिसंबर में कहा था कि जनवरी में प्रदेश में यूसीसी लागू कर दिया जाएगा।

प्रदेश में 23 जनवरी को नगर निकाय चुनाव होने और 25 जनवरी को उसके नतीजे आने के मददेनजर अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य सरकार गणतंत्र दिवस पर यूसीसी लागू करने की घोषणा कर सकती है ।

एक सवाल के जवाब में धामी ने कहा कि इसके लागू होने से प्रदेश में बड़ा बदलाव आएगा ।

धामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता में दोबारा आने पर जनता से यूसीसी लाने का वादा किया था जिसकी शुरुआत मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही कर दी गयी थी।

उन्होंने कहा कि हमने यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जिसकी रिपोर्ट आने के बाद हमने राज्य विधानसभा में विधेयक पारित कराया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने भी 12 मार्च, 2024 को उसे अपनी मंजूरी दे दी जिसके बाद वह अधिनियम बन गया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आजाद भारत का ऐसा पहला राज्य बनने वाला है जहां सभी नागरिकों के लिए एकसमान कानून लागू होगा। धामी ने कहा, ‘‘देवभूमि उत्तराखंड से गंगोत्री निकलेगी और पूरे देश में जाएगी।’’

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के इस आरोप को खारिज कर दिया कि यह देश और प्रदेश को बांटने की राजनीति है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई बांटने वाली राजनीति नहीं है। यूसीसी में सभी के लिए एकसमान व्यवस्था और एकसमान कानून है।’’

यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, विवाह-शून्यता, इच्छापत्रीय एवं गैर इच्छापत्रीय उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव-इन रिलेशनशिप) से जुड़े विस्तृत प्रावधान शामिल किए गए हैं ।

अधिकारियों ने यहां बताया कि यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने अत्याधुनिक तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की हैं जिससे जनता को असुविधा नहीं हो।

उन्होंने बताया कि नागरिकों को विवाह, विवाह-विच्छेद, उत्तराधिकार के अधिकार, सहवासी संबंध, उनकी समाप्ति के पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन मंच की व्यवस्था का प्रावधान करते हुए एक पोर्टल तैयार किया गया है ताकि वे अपने मोबाइल फोन के माध्यम से घर बैठे पंजीकरण करा सकें।

नागरिकों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा को सरल एवं सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को अधिकृत किया गया है। पर्वतीय और दूर-दराज के क्षेत्रों में, जहां इंटरनेट सुविधा की पहुंच नहीं है, सीएससी के एजेंट घर-घर जाकर नागरिकों को उक्त सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण से संबंधित कार्यों के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को सबरजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है।

यूसीसी में पंजीकरण की सुविधा को सरल बनाने के लिए आधार कार्ड से पंजीकरण का भी विकल्प दिया गया है।

पंजीकरण से संबंधित अपने आवेदन की स्थिति के बारे में ई-मेल एवं एसएमएस के माध्यम से जानकारी हासिल की जा सकती है। नागरिकों की शिकायतें भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से करने की व्यवस्था की गयी है।

भाषा दीप्ति

संतोष

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