उत्तर प्रदेश: योगी ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया

उत्तर प्रदेश: योगी ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया

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  • Publish Date - December 20, 2024 / 07:58 PM IST,
    Updated On - December 20, 2024 / 07:58 PM IST

अयोध्या, 20 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर आगामी उपचुनाव के लिए शुक्रवार को यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए कहा कि जब कुंदरकी और कटेहरी सीट जीती जा सकती है तो किसी भी सीट पर चुनाव जीता जा सकता है।

वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार गोरखनाथ को पराजित किया था।

अवधेश प्रसाद ने इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) संसदीय सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता लल्लू सिंह को पराजित किया और सुर्खियां बटोरी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी ने शुक्रवार को यहां मंत्रियों, पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के साथ मिल्कीपुर वि‍धानसभा सीट पर आगामी उपचुनाव के लिए अब तक की तैयारियों की समीक्षा की।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव को लेकर सवाल भी पूछे।

आदित्यनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों को जीत का मंत्र देते हुए कहा, “जब कुंदरकी और कटेहरी सीट पर उपचुनाव जीता जा सकता है, तो कोई भी चुनाव जीता जा सकता है।”

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान बूथ प्रबंधन और पार्टी पदाधिकारियों को सक्रिय करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि बूथ पदाधिकारी भाजपा के मतदाताओं की पहचान करें और इन मतदाताओं का शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ठंड में किसी तरह की असुविधा न हो और समय रहते समुचित व्यवस्था की जाए

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस वर्ष 25 नवंबर को अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति दी थी, जिससे इस सीट पर उपचुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया।

मिल्कीपुर को छोड़कर राज्य की नौ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सहयोगी रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) ने सात सीट पर जीत हासिल की थी जबकि सपा सिर्फ दो सीट पर कब्जा जमा पाई थी। भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र