नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि संसद सदस्यों को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में सदन की कार्यवाही उपलब्ध कराने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ‘मशीन लर्निंग’ प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है।
‘राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र’ की दो दिवसीय बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा सचिवालय डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के साथ प्रौद्योगिकी में अपनी विशेषज्ञता भी साझा कर रहा है।
बिरला के अनुसार, दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान देश भर के राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों ने 3-8 नवंबर तक सिडनी में होने वाले 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) के एजेंडे पर भी विचार-विमर्श किया।
सीपीसी ने प्रतिभागियों द्वारा विचार-विमर्श के लिए ‘एलजीबीटीक्यू+’ की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विधायिकाओं के समर्थन, संसदीय कार्यवाही में एआई के उपयोग, सांसदों के साथ हिंसा और दुर्व्यवहार, मानव तस्करी, शरणार्थियों और राष्ट्रमंडल देशों में आप्रवासन सहित आठ विषयों को सूचीबद्ध किया है।
बिरला ने कहा, ‘‘हम विधायी निकाय प्रक्रियाओं और रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कर रहे हैं और रोजमर्रा की गतिविधियों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के उपाय कर रहे हैं।’’
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