US Lawmakers Meet Dalai Lama : अमेरिकी सांसदों ने दलाई लामा से की मुलाकत, नैंसी पेलोसी समेत ये लोग रहे उपस्थित

US Lawmakers Meet Dalai Lama : अमेरिकी सांसदों के एक दल ने आज भारत के धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात की है।

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  • Publish Date - June 19, 2024 / 02:50 PM IST,
    Updated On - June 19, 2024 / 02:50 PM IST

नई दिल्ली : US Lawmakers Meet Dalai Lama : हाल ही में अमेरिकी संसद में तिब्बत से जुड़ा एक बिल पास हुआ है। इस एक्ट के तहत अमेरिका दुनियाभर में चीन के तिब्बत को लेकर फैलाए गए झूठ का जवाब देगा। इसी सिलसिले में अमेरिकी सांसदों के एक दल ने आज भारत के धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात की है। चीन ने दलाई लामा को अलगाववादी बताते हुए अमेरिकी सांसदों से उनसे ना मिलने की अपील की थी। सात अमेरिकी सांसदों के इस दल में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों पक्षों के सांसद हैं। दल की अध्यक्षता माइकल मैककॉल कर रहे हैं, जो टेक्सस से रिपब्लिकन सांसद हैं और अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं। दल में डेमोक्रेटिक सांसद और हाउस की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी भी हैं।

18 जून को यह दल धर्मशाला पहुंचा, जहां दलाई लामा रहते हैं। दल का स्कूली बच्चों, बौद्ध भिक्षुकों और भिक्षुणियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके स्वागत में एक मंगलवार को एक विशेष कार्यक्रम भी रखा गया, जिसके दौरान सांसदों ने तिब्बत की निर्वासित सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। बुधवार की सुबह दल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 88 वर्षीय दलाई लामा से मिला।

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इस वजह से आया है अमेरिकी दल

US Lawmakers Meet Dalai Lama :  अमेरिकी सांसदों की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी कांग्रेस ने हाल ही में तिब्बत पर एक बिल पास किया। कानून अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस जाएगा। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए मैककॉल ने इस बिल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह बिल यह दर्शाता है कि “अमेरिका तिब्बत के लोगों के साथ खड़ा है।”

लेकिन चीन इस यात्रा से नाराज है। यात्रा से पहले चीन ने कहा था कि दलाई लामा एक अलगाववादी हैं और अमेरिकी सांसदों को उनसे कोई भी संपर्क नहीं रखना चाहिए। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अमेरिका को तिब्बत की आजादी का समर्थन नहीं करना चाहिए और व्हाइट हाउस को इस “बिल पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए।”

उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा किया गया तो चीन “दृढ कदम” उठाएगा. उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस तरह के कदमों की बात कर रहे हैं। लिन ने आगे कहा, “यह सभी जानते हैं कि 14वें दलाई लामा पूरी तरह से धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक रूप से निर्वासित व्यक्ति हैं जो धर्म की आड़ में चीन-विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में संलिप्त हैं।”

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इसलिए नाराज है चीन

US Lawmakers Meet Dalai Lama :  “दलाई लामा” तिब्बती बौद्ध धर्म गेलुग सम्प्रदाय के धर्म गुरु की उपाधि है। मौजूदा दलाई लामा को 14वां दलाई लामा माना जाता है। उनका असली नाम तेंजिन ग्यात्सो है। 1959 में वह चीनी शासन के खिलाफ की गई एक बगावत के असफल होने के बाद हिमालय के रास्ते अपने अनुयायियों के साथ भारत आ गए थे।

तब से भारत ने उन्हें और कई तिब्बतियों को शरण दी हुई है। उनका मुख्यालय हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में है। हालांकि उन्हें शरण देने के बावजूद भारत सरकार आधिकारिक तौर पर तिब्बत को चीन का हिस्सा ही मानती है। दलाई लामा कई बार अमेरिकी राजनेताओं, राष्ट्रपतियों और अधिकारियों से मिले हैं। हर बार इन मुलाकातों पर चीन अपनी नाराजगी व्यक्त करता है।

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इलाज के लिए अमेरिका जाएंगे दलाई लामा

US Lawmakers Meet Dalai Lama :  हालांकि बाइडेन अभी तक दलाई लामा से नहीं मिले हैं। खुद दलाई लामा भी इसी हफ्ते इलाज के लिए अमेरिका जाने वाले हैं। लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है कि वहां वह किसी से मिलेंगे या नहीं।

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