नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) जश्न-ए-रेख्ता के नौवें संस्करण में उर्दू भाषा की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए विभिन्न आयु, लिंग और धर्म के उर्दू प्रेमियों का स्वागत किया गया।
रेख्ता फाउंडेशन द्वारा आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू हुआ जिसमें तीन मंचों पर 40 से अधिक सत्रों में 200 से अधिक कलाकार प्रस्तुति देंगे।
इस वर्ष के संस्करण में गजल, सूफी संगीत, कव्वाली, मुशायरा, किस्सागोई, कविता-पाठ और परस्पर संवादात्मक सत्रों का रोमांचक मिश्रण पेश किया गया है, जिसमें प्रसिद्ध व्यक्तियों से वार्तालाप और मास्टरक्लासेस शामिल हैं।
पेशे से चिकित्सक और तीन साल से रेख्ता की नियमित सदस्य फातिमा ने कहा, ‘इसका माहौल लोगों को उनके व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद आकर्षित करता है।’
उन्होंने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘रेख्ता अपने आप में बहुत आकर्षक है। हर चीज का ध्यान रखा गया है, खास तौर पर भाषा और शान-शौकत का। यहां आना एक खूबसूरत एहसास है।’
उर्दू प्रेमी ने कहा कि महोत्सव में भाग लेने के बाद से उनमें भाषा और इसकी संस्कृति के बारे में बेहतर समझ विकसित हुई है।
फातिमा ने कहा, ‘पहले मुझे बहुत सी चीजों के बारे में पता नहीं था, बहुत से शब्द मेरे लिए अजीब थे। अब मैं एक शब्दकोश रखती हूं। मेरा पेशा मुझे ज्यादा समय नहीं देता, लेकिन मैं जितना हो सके उतना सीखना चाहती हूं।’
इस वर्ष महोत्सव में जावेद अख्तर, कैलाश खेर, पॉपुलर मेरठी, पापोन, पर्निया कुरैशी, अली बंधु, पृथ्वी हल्दिया, कुतुबी ब्रदर्स, मेयांग चांग, ज्ञानिता द्विवेदी, हसन कमाल, कविता सेठ, विद्या शाह और नूर जहीर सहित कई कलाकार, कवि, लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं।
इस महोत्सव में उर्दू कविता में उपेक्षित राष्ट्रवादी भावना की खोज, उर्दू की हास्य और व्यंग्य की दीर्घकालिक परंपरा की जांच तथा उर्दू भाषा के भीतर विकसित हुई दृश्य और साहित्यिक कला परंपराओं पर गहन विचार-विमर्श के सत्र आयोजित किए जाएंगे।
एक अन्य आगंतुक स्वर्णभा सरकार ने बताया कि वह पिछले पांच वर्षों से इस महोत्सव में इसके माहौल और संस्कृतियों के सम्मिश्रण के कारण आ रही हैं।
तीन दिवसीय महोत्सव में उर्दू कविता और गजल के क्षेत्र के प्रख्यात गीतकारों की प्रस्तुतियां भी होंगी।
भाषा शुभम रंजन
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