बेलगावी (कर्नाटक), नौ दिसंबर (भाषा) कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन वक्फ मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ और विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की।
कुछ दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने यहां सुवर्ण विधान सौध में ‘अनुभव मंडप’ की एक बड़ी पेंटिंग के अनावरण का जिक्र करना चाहा, तो विपक्ष के नेता आर अशोक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ विधायकों के साथ मांग की कि उनके कार्य स्थगन नोटिस के आधार पर पहले वक्फ मुद्दे पर चर्चा कराई जाए।
अनुभव मंडप बसवकल्याण में 12वीं सदी का आध्यात्मिक केंद्र है, जिसका नेतृत्व समाज सुधारक बसवन्ना और अन्य करते थे और जहां समकालीन सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होती थी।
अशोक ने कहा, ‘‘आप यहां अनुभव मंडप की बात कर रहे हैं, जबकि बसवन्ना के कई मंदिर वक्फ की संपत्ति बन गए हैं।’’
जब भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह उन्हें बाद में इसे उठाने की अनुमति देंगे, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया।
राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा, ‘‘वक्फ भूमि के मुद्दे ज्यादातर भाजपा शासन के दौरान हुए हैं, हम इस मुद्दे को सामने लाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी भाजपा चर्चा नहीं चाहती। गौड़ा ने कहा कि वे राजनीति करना चाहते हैं और सदन का समय बर्बाद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अध्यक्ष की अनुमति मिलने पर चर्चा के लिए तैयार है।
मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवन्ना और उनके सिद्धांतों के विरोधी हैं। इससे भाजपा सदस्य नाराज हो गए और उन्होंने वक्फ मुद्दे पर चर्चा के लिए जोरदार दबाव डाला।
अशोक ने कहा, ‘‘कम से कम मुझे मेरे कार्य स्थगन नोटिस के आधार पर प्रारंभिक बयान देने की अनुमति दें।’’
विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके बाद कुछ अन्य स्थानों से भी इसी तरह के आरोप सामने आए हैं और कुछ संगठनों और मठों जैसी धार्मिक संस्थाओं ने भी ऐसे आरोप लगाए हैं।
विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हाल में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस तुरंत रद्द किए जाएं और बिना उचित नोटिस के भूमि अभिलेखों में किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि, भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को निशाना बनाते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार वक्फ मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और वह नियमों के अनुसार प्रश्नकाल के बाद इसकी अनुमति देंगे। हालांकि, भाजपा सदस्य नहीं माने और उन्होंने वक्फ मुद्दे पर चर्चा की अपनी मांग जारी रखी।
इस बीच, भाजपा विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल के नेतृत्व में कुछ विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि बेलगावी जिला प्रशासन ने पंचमसाली लिंगायत समुदाय द्वारा कल प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
एक समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध क्यों लगाए गए हैं, यह जानने की मांग करते हुए उन्होंने पूछा, ‘‘क्या कोई इस सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता?’’
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन को दोपहर के भोजन के लिए स्थगित कर दिया।
भाषा वैभव सुरेश
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