पंचमसाली लिंगायतों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर कर्नाटक विधानसभा में हंगामा

पंचमसाली लिंगायतों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर कर्नाटक विधानसभा में हंगामा

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  • Publish Date - December 12, 2024 / 09:40 PM IST,
    Updated On - December 12, 2024 / 09:40 PM IST

बेलगावी, 12 दिसंबर (भाषा) इस सप्ताह की शुरुआत में ‘सुवर्ण विधान सौध’ (कर्नाटक विधानमंडल भवन) के निकट पंचमसाली लिंगायत प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज किए जाने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को कर्नाटक विधानसभा में हंगामा हुआ।

राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव किया जबकि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार से माफी मांगने तथा घटना की न्यायिक जांच की मांग की।

विधानसभा में कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी क्योंकि भाजपा सदस्य सरकार के बयान पर अड़े रहे। जब विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा को जवाब देने की अनुमति दी, तो उन्होंने आरक्षण के मुद्दे के अनसुलझे होने के लिए पिछली भाजपा नीत सरकार को दोषी ठहराया।

आरक्षण की मांग को लेकर पंचमसाली लिंगायत समुदाय का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया। मौजूदा 3बी (पांच प्रतिशत) के बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण मैट्रिक्स की 2ए (15प्रतिशत) श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पत्थरबाजी की, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

झड़पों के दौरान कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिरासत में लिए गए लोगों में पंचमसाली पीठ के बसव जयमृत्युंजय स्वामी, भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड और राज्यसभा सदस्य इरन्ना कडाडी शामिल थे।

विधानसभा में दो पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद भाजपा नेता आर अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया या गृह मंत्री से बयान की मांग की।

प्रश्नकाल के बाद मामले को संबोधित करने के अध्यक्ष के आश्वासन के बावजूद, भाजपा के विरोध के कारण कार्यवाही को शुरू में स्थगित करना पड़ा। जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो गृह मंत्री परमेश्वर ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देते हुए पुलिस कार्रवाई का बचाव किया।

सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद, विपक्ष के नेता आर अशोक, प्रदेश भाजपा प्रमुख बी वाई विजयेंद्र और विधायक सी एन अश्वथ नारायण और सुनील कुमार सहित अन्य भाजपा नेता अध्यक्ष के कक्ष में गए और खादर के आचरण पर सवाल उठाया और सदन की कार्यवाही के बहिष्कार की चेतावनी दी।

अशोक ने कहा, ‘‘हमने अध्यक्ष से कहा है कि उनका आचरण अस्वीकार्य है। अगर यह जारी रहा, तो हम सत्र में भाग नहीं लेंगे।’’

अध्यक्ष के कक्ष में वार्ता के बाद दोपहर के भोजन के बाद सदन की कार्यवाही आरंभ हुई।

भाषा आशीष रंजन

रंजन