नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा गठित ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, जिसने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय (ULB) चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त किया। “सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर सभी कार्रवाई की गई है। आरक्षण के नियमों का विधिसम्मत पालन करते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय चुनाव समयबद्ध तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध है।” यूपी के सीएम ने कहा।
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ओबीसी आरक्षण के साथ उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव कराने को हरी झंडी दे दी और राज्य निर्वाचन आयोग को दो दिनों के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा गठित ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।शीर्ष अदालत के इस आदेश से निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण को बाधित करने की विपक्ष की मंशा को करारा झटका लगा है। निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के फैसले को प्रभावित करने की कोशिश की थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल कराने का फैसला सुनाया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए प्रतिबद्ध है।
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इसके बाद सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जिस पर 27 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए गठित आयोग को 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए हाईकोर्ट के तत्काल चुनाव कराने के आदेश पर रोक लगा दी थी।
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