प्रवासी भारतीय सम्मेलन में रामायण पर अनूठी प्रदर्शनी में दिखा कालातीत महाकाव्य का विश्वव्यापी प्रभाव

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में रामायण पर अनूठी प्रदर्शनी में दिखा कालातीत महाकाव्य का विश्वव्यापी प्रभाव

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 04:06 PM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 04:06 PM IST

भुवनेश्वर, 10 जनवरी (भाषा) प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन 2025 में आयोजित प्रदर्शनियों में से एक ‘विश्वरूप राम’ में रामायण से जुड़ी अनूठी कलाकृतियों और वस्तुओं ने प्रवासी भारतीय समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया।

रामायण की सार्वभौमिक विरासत शीर्षक वाली इस प्रदर्शनी में पारंपरिक और समकालीन कला रूपों के माध्यम से महाकाव्य को प्रदर्शित किया गया है।

प्रदर्शनी में भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की मूर्तियों के साथ-साथ मेक्सिको से लाया गया रावण का एक आदमकद ‘पिनाटा’ (पुतला) भी शामिल है। इस प्रदर्शनी में लगभग 150 कलाकृतियों को शामिल किया गया है, जिनमें 66 भारतीय पेंटिंग, कठपुतलियां, मुखौटे तथा 17 देशों की 80 विदेशी कलाकृतियां शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था जिसमें थाईलैंड से लाए गए रामायण से जुड़े 16 मुखौटे, पोस्टकार्ड, पोस्टर और एक पेंटिंग कैटलॉग को प्रदर्शित किया गया है। इसमें श्रीलंका से रावणहत्था भी लाया गया है जो रावण से जुड़ा एक पारंपरिक संगीत वाद्य है।

रामायण के दृश्यों को दर्शाती कठपुतलियां और पेंटिंग इंडोनेशिया से लाई गई हैं, जबकि नेपाल, कनाडा और न्यूज़ीलैंड से रामायण थीम पर आधारित 19 डाक टिकट लाए गए हैं।

भाषा शोभना नरेश

नरेश