Publish Date - March 3, 2020 / 11:09 AM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने कुछ पिछड़े राज्यों के किसानों को कृषि उपकरणों में 100 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है। लेबर समस्या के इस दौर में सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इस फैसले के बाद अब किसानों को कृषि उपकरण खरीदने के लिए अपने जेब से एक रुपए भी नहीं लगाना पड़ेगा।
दरसअल केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कृषि यंत्रीकरण उपमिशन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को अब लैंड लेवलर, जीरो टिल सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर, मल्चर आदि जैसे आधुनिक कृषि मशीनों की खरीददारी पर 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसके बाद जुताई, बुआई, पौधारोपण, फसल कटाई और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीनों को खरीदने में आसानी होगी। सरकार की इस योजना का लाभ लेकर किसान उत्पादन के साथ ही अपनी आय भी दोगुनी कर सकते हैं।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों के लिए विशेष सुविधा दी गई है, जिसमें कस्टम हायरिंग केंद्र बनाने के लिए 100 फीसदी आर्थिक मदद मोदी सरकार ने देने का फैसला लिया है। लेकिन जिस स्कीम में शत प्रतिशत सब्सिडी है उसमें अधिकतम 1.25 लाख रुपए मिलेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसान समूहों यदि मशीन बैंक बनाने पर 10 लाख रुपए तक का खर्च करते हैं तो उन्हें 95 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। कम ही स्कीम हैं जिन पर इतनी अधिक सब्सिडी दी जा रही है।
अन्य क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी वाले किसानों को 40 प्रतिशत मदद मिलेगी। जबकि एससी, एसटी, महिला व लघु-सीमांत किसानों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी मिलेगी।
किराए पर किसानों को उनके घरों में ही कृषि मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसके लिए यदि कोई किसान व्यक्तिगत रूप से प्रोजेक्ट बना रहा है तो उसे 60 लाख रुपये तक की परियोजना लागत का 40 प्रतिशत पैसा सरकार की ओर से मिलेगा।