केन्द्र सरकार को झारखंड के विकास की चिंता कम और लूटने के इरादे अधिक हैं : हेमंत

केन्द्र सरकार को झारखंड के विकास की चिंता कम और लूटने के इरादे अधिक हैं : हेमंत

केन्द्र सरकार को झारखंड के विकास की चिंता कम और लूटने के इरादे अधिक हैं :  हेमंत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: December 10, 2021 6:15 pm IST

मेदिनीनगर, 10 दिसम्बर (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार को झारखंड के विकास की कोई विशेष चिंता नहीं है, बल्कि उसका इरादा केवल राज्य की खनिज संपदा को लूटने का है ।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेदिनीनगर के पुलिस स्टेडियम में ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हजारों लाभुकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के भीषण काल में राज्य के कोयला खदानों को नीलाम किया गया, जबकि राज्य सरकार विनती करती रही कि स्थिति सामान्य होने पर नीलामी की प्रक्रिया हो ताकि उसमें अधिसंख्य ठेकेदार, एजेंसियां और कंपनियां भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि इससे केन्द्र और राज्य के हितों के सम्वर्धन में मदद मिलती ।

उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार अपनी पसंदीदा कंपनियों को कोयला खदानों को देने के लिए कोरोना के अफरातफरी भरे माहौल में ही आतुर थी, इसलिए उसने राज्य सरकार के अनुरोध को नजरदांज कर दिया।

 ⁠

उन्होंने कहा कि खनिज संपदा के दोहन में जुटी कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि यदि वे शांतिपूर्ण तरीके से झारखंड के निवासियों को पचहत्तर (75) प्रतिशत अपने यहां रोजगार देंगी तभी खनन की अनुमति राज्य सरकार देगी।

मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि यहां बीस वर्षों में विकास की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए ठोस योजनाओं को गति नहीं दिया गया जिसके चलते राज्य पिछङा है और पूरे काल खंड में दो तिहाई समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही है ।

उन्होंने कहा कि सङक, बिजली, पानी, कृषि, स्वास्थ्य, सिंचाई जैसी योजनाओं के प्रति भाजपा सरकार कभी गंभीर नहीं रही और वह चुनिंदा तत्वों के हित में काम करती रही जिससे राज्य आज भी पिछङा है।

सोरेन ने यह भी आरोप लगाया कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को पूरा करने में केन्द्र सरकार का पक्षपाती रवैया है वह राज्य के हिस्से को देने में आनाकानी कर रही है। इससे छुटकारा पाने के लिए सरकार ने निश्चय किया है कि, हम अपने ही संसाधनों से विकास को गति प्रदान करेंगे और इसके लिए पलामू प्रमंडल में आठ सौ (800) करोड़ रुपये की लागत से एक सिंचाई परियोजना को मंजूरी दे दी गई है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साथ ही मेदिनीनगर में पेयजलापूर्ति योजना को सशक्त बनाने के लिए डेढ़ सौ (150) करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति प्रस्तावित है।

राज्य की बदहाल स्थिति की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी हमे विरासत में मिली है, राज्य की अस्सी फीसदी आबादी गांवों निवास करती है, इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि, अब ग्रामीण अंचलों को ध्यान में रखकर ही विकास की प्राथमिकता तय होगी।

भाषा सं इन्दु रंजन

रंजन


लेखक के बारे में