नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कॉलेज का नाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विचारक वीर सावरकर के नाम पर रखने के फैसले के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति की सराहना की।
उन्होंने इस फैसले का विरोध करने वालों पर ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ रखने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखी थी।
प्रधान ने कहा, “सावरकर एक महान राष्ट्रवादी थे लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता वाले समाज के एक वर्ग को डीयू कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखे जाने पर आपत्ति है। मैं डीयू के कुलपति को सावरकर के नाम पर नया कॉलेज समर्पित करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”
शिक्षा मंत्री यहां दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘सशक्त बेटी और ई-दृष्टि’ नाम के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों को सशक्त बनाना है।
इस पहल के तहत प्रधान ने विश्वविद्यालय में अनाथ छात्राओं, माता-पिता की अकेली बेटियों और दृष्टिबाधित छात्राओं को लैपटॉप एवं टैबलेट वितरित किए।
इस कार्यक्रम में एलआईसी गोल्डन जुबली फाउंडेशन द्वारा दान की गई एक उन्नत जीवनरक्षक एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाई गई और एक पुस्तक ‘कॉमेमोरेटिव वॉल्यूम ऑफ डोनर क्रॉनिकल 2024’ का विमोचन भी किया।
यह पुस्तक विश्वविद्यालय में दानदाताओं के योगदान पर प्रकाश डालती है।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
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