कोलकाता, 10 दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देने का मंगलवार को आग्रह करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का ऐसा उल्लंघन अत्यंत दुखद है।
कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को वहां अशांति फैलाने वाले कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाने के लिए उन उपद्रवियों को गिरफ्तार करना चाहिए।
उन्होंने मानवाधिकार दिवस के अवसर पर यह टिप्पणी की है।
दास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जागो, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद! कम से कम मानवाधिकार दिवस के दिन तो जागो। बांग्लादेश में जारी मानवाधिकार उल्लंघनों के प्रति आपकी चुप्पी और आंखें मूंद लेना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है।’’
उन्होंन दावा किया कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के सांसदों ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
दास ने बांग्लादेश में इस्कॉन और हिंदू अल्पसंख्यकों को कथित तौर पर धमकी देने वाले एक कट्टरपंथी का वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार की इस खुली धमकी को सुनिए और जाग जाइए।’’
‘पीटीआई-भाषा’ स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
दास ने कहा कि बांग्लादेश स्थित इस्कॉन सभी लोगों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के बावजूद सेवा और भोजन प्रदान करता है जैसा कि वह दुनिया के कई अन्य देशों में करता है।
दास ने कहा, ‘‘हम केवल यह चाहते हैं कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और इस्कॉन की सुरक्षा हो।’’
भाषा प्रीति वैभव
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