नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) एशिया-प्रशांत ने निजी क्षेत्र से अपनी महिला कर्मचारियों के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तथा अधिकारों में निवेश को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए कहा है कि खासकर परिधान और कपड़ा विनिर्माण जैसे अधिक श्रम वाले क्षेत्रों में इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
यह अपील बुधवार को यौन स्वास्थ्य दिवस से पहले आई जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि इस तरह का निवेश व्यवसाय क्षेत्र को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ पहुंचा सकता है।
यूएनएफपीए ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरे एशिया और प्रशांत क्षेत्र में, परिधान और विनिर्माण क्षेत्रों में कार्यरत लाखों महिलाएं युवा हैं, वे अकसर प्रवासी होती हैं और स्वास्थ्य देखभाल तथा शिक्षा तक सीमित पहुंच वाले कम आय वाले परिवारों से संबंधित होती हैं। व्यापक यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण ये चुनौतियाँ और भी बढ़ जाती हैं, जो सीधे उनके स्वास्थ्य, नौकरी तथा उत्पादकता को प्रभावित करती हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र निकाय के एशिया और प्रशांत मामलों के क्षेत्रीय निदेशक पियो स्मिथ ने उन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए आर्थिक लाभ पर जोर दिया जो अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण में निवेश करते हैं।
स्मिथ ने कहा, ‘‘जो व्यावसायिक प्रतिष्ठान कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण में निवेश करते हैं वे दीर्घकालिक आर्थिक सफलता के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। डेटा से स्पष्ट है कि जब महिलाओं की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें पूरी हो जाती हैं, तो कंपनियों को पर्याप्त वित्तीय लाभ मिलता है। इससे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और उनके कर्मचारियों दोनों के लिए बेहतर स्थिति होती है।’’
ऐसे निवेश के वित्तीय लाभों के मूल्यांकन में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सहायता के लिए यूएनएफपीए ने ‘रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट टूल’ (आरओआई-टी) विकसित किया है।
यह उपकरण कार्यस्थल पर यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तथा अधिकारों में निवेश के वित्तीय लाभ का आकलन करने के लिए एक ठोस रूपरेखा प्रदान करता है।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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