women will be able to travel up to 20 km free of cost बेंगलुरु, 10 जून । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को स्पष्ट किया कि ‘शक्ति योजना’ के तहत महिलाएं सीमावर्ती राज्यों में 20 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा कर सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि वह सत्ता में आने के बाद पांच ‘गारंटी’ लागू करेगी, जिनमें सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा (शक्ति योजना) भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी के साथ रविवार को विधान सौध से इस योजना की शुरूआत करेंगे।
सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम (रविवार को) पूर्वाह्न 11 बजे पांच गारंटी में शामिल एक (योजना) की विधान सौध से शुरूआत कर रहे हैं। प्रत्येक महिला, एक्सप्रेस बस सेवाओं सहित ‘एसी’ और वोल्वो को छोड़ कर अन्य (सरकारी) बसों में राज्य के अंदर मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।’’
उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं अंतर-राज्यीय बस में यात्रा करना चाहती हैं तो यह सेवा मुफ्त नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि एक महिला तिरुपति जाना चाहती है तो वह मुफ्त यात्रा नहीं कर सकती। वह (आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे कोलार जिले में स्थित) मुलबगल जा सकती है और उसके बाद यह मुफ्त यात्रा सेवा उपलब्ध नहीं होगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, पड़ोसी राज्यों में 20 किमी तक जाने वाली महिलाओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के तौर पर, बेल्लारी से आंध्र प्रदेश के 20 किमी अंदर तक उनसे (महिलाओं से) कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।’’
उन्होंने चार अन्य गारंटी की शुरूआत किये जाने के बारे में विवरण देते हुए कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने वाली ‘गृह ज्योति’ योजना एक जुलाई से कलबुर्गी से शुरू की जाएगी।
उसी दिन, गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वालों (बीपीएल) परिवारों को 10 किग्रा मुफ्त चावल देने की योजना ‘अन्न भाग्य’ की मैसुरु से शुरूआत की जाएगी।
प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपये की मासिक वित्तीय सहायता देने वाली ‘गृह लक्ष्मी योजना’ के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 अगस्त को बेलगावी से इसकी शुरूआत की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम गृह लक्ष्मी योजना के लिए 15 जुलाई से आवेदन आमंत्रित करेंगे।’’
स्नातकों को 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने संबंधी ‘युवा निधि’ योजना के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022-23 में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले स्नातक और डिप्लोमा धारक को यदि अपनी परीक्षा में सफल होने के छह महीने के अंदर नौकरी नहीं मिलती है तो उन्हें 24 महीने के लिए भत्ता मिलेगा।
इन योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘आप सरकार की परेशानी की फिक्र क्यों कर रहे हैं? हम निश्चित तौर पर यह करेंगे।’’
इन चुनावी वादों को पूरा करने में राज्य का खजाना खाली हो सकने के भाजपा के दावे पर मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पार्टी ने सत्ता में रहने के दौरान कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्होंने (भाजपा ने) कुछ किया? मैं वित्त मंत्री हूं। वे कहने वाले कौन होते हैं?’’
बिजली बिल अधिक आने के संबंध में लोगों की शिकायतों के बारे में सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि कर्नाटक विद्युत विनियामक आयोग हर साल मार्च या अप्रैल में विद्युत शुल्क की समीक्षा करता है और उसे जून में लागू किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले इस साल इसमें वृद्धि की गई। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता 29 मार्च को लागू हो जाने के चलते विद्युत शुल्क की समीक्षा रोक दी गई। अब इसे जून में लागू किया जाएगा।
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