आयुष मंत्रालय के अभियान के तहत 75 हजार हेक्टेयर रकबे में औषधीय पौधों की खेती की जाएगी

आयुष मंत्रालय के अभियान के तहत 75 हजार हेक्टेयर रकबे में औषधीय पौधों की खेती की जाएगी

आयुष मंत्रालय के अभियान के तहत 75 हजार हेक्टेयर रकबे में औषधीय पौधों की खेती की जाएगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: September 2, 2021 6:48 pm IST

नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) द्वारा शुरू किए गए अभियान के अंतर्गत देशभर में 75 हजार हेक्टेयर रकबे में औषधीय पौधों की खेती की जाएगी।

मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि एनएमपीबी ने आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में देशभर में जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान की शुरूआत की है।

बयान के मुताबिक, ” इस कदम से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और हरित भारत का सपना पूरा होगा। अभियान के तहत, देशभर में अगले एक वर्ष में 75 हजार हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है।”

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यह अभियान ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का दूसरा कार्यक्रम है।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि पुणे में औषधीय पौधे किसानों को बांटे गये हैं और जो लोग पहले से जड़ी-बूटियों की खेती कर रहे हैं, उन्हें सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पारनेर से विधायक नीलेश लंके, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) के महानिदेशक डॉ. आसिम अली खान और एनएमपीबी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सांवल ने अलग-अलग स्थानों से कार्यक्रमों की अगुवाई की।

सांवल ने कहा, “इस प्रयास से देश में औषधीय पौधों की आपूर्ति में और तेजी आयेगी।” इस अवसर पर 75 किसानों को कुल मिलाकर 7500 औषधीय पौधे वितरित किए गए। इसके अलावा 75 हजार पौधे वितरित करने का लक्ष्य भी तय किया गया।

बयान के मुताबिक, सहारनपुर में उत्तर प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी, एनएमपीबी के अनुसंधान अधिकारी सुनील दत्त और आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ने संबंधित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर सैनी ने जड़ी-बूटियों की खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया। आसपास के कई जिलों से आए 150 किसानों को औषधीय पौधे निशुल्क वितरित किए गए।

भाषा शफीक माधव

माधव


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