अल्ट्रासाउंड परीक्षण, ट्रैक गुणवत्ता जांच, कवच पर तेजी से हो रहा काम: वैष्णव |

अल्ट्रासाउंड परीक्षण, ट्रैक गुणवत्ता जांच, कवच पर तेजी से हो रहा काम: वैष्णव

अल्ट्रासाउंड परीक्षण, ट्रैक गुणवत्ता जांच, कवच पर तेजी से हो रहा काम: वैष्णव

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 05:39 PM IST, Published Date : September 27, 2024/5:39 pm IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल सुरक्षा के मद्देनजर चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ को लागू करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही पटरियों और संकेतकों की गुणवत्ता की सख्ती से जांच भी की जा रही है।

मंत्री ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अल्ट्रासाउंड जांच से लेकर कोहरे से सुरक्षा वाले उपकरणों की स्थापना तक पूरे रेल नेटवर्क में नवीनतम प्रौद्योगिकी उपकरणों और उपायों का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि कवच प्रणाली के लिए चालकों और अन्य कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

हाल के दिनों में सामने आई कई रेल दुर्घटनाओं के मद्देनजर वैष्णव की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विपक्षी दलों ने इन घटनाओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) और अत्यधिक प्रौद्योगिकी-गहन प्रणाली है, जिसके लिए उच्चतम स्तर के सुरक्षा प्रमाणन की आवश्यकता है।

वैष्णव ने कहा कि 10,000 इंजनों और 9,600 किलोमीटर लंबी पटरियों पर ‘कवच’ लगाने के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए इरिसेट (भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान) में पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

वैष्णव ने रेलवे द्वारा अपनाए जा रहे विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में भी बताया, जिसमें इस वित्तीय वर्ष में अब तक अधिकारियों द्वारा किए गए 97,000 से अधिक निरीक्षण और 2,500 किलोमीटर लंबी पटरियों का नवीनीकरण शामिल है।

रेल मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, पूरे नेटवर्क के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षण किए जा रहे हैं और अप्रैल से अब तक 1.86 लाख किलोमीटर रेल मार्ग और 11.66 लाख ‘वेल्ड’ का अल्ट्रासाउंड मशीनों से परीक्षण किया जा चुका है।

वैष्णव ने बताया कि नयी अल्ट्रासाउंड मशीनें भी शुरू कर दी गई हैं और बड़ी संख्या में रेलवे पुलों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके अलावा सैकड़ों फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 5,300 कोहरे सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं और अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा ट्रैक फिटिंग की गुणवत्ता की जांच की गई है।

वैष्णव ने बताया कि ट्रैकमैन के जोखिम भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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