उदयनिधि को अपने उत्थान के लिए कोई त्याग नहीं करना पड़ा: अन्नाद्रमुक |

उदयनिधि को अपने उत्थान के लिए कोई त्याग नहीं करना पड़ा: अन्नाद्रमुक

उदयनिधि को अपने उत्थान के लिए कोई त्याग नहीं करना पड़ा: अन्नाद्रमुक

:   Modified Date:  November 23, 2024 / 03:42 PM IST, Published Date : November 23, 2024/3:42 pm IST

धर्मपुरी, 23 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने शनिवार को सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर ‘वंशवादी राजनीति’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अपने वर्तमान पद तक पहुंचने के लिए कोई त्याग नहीं किया है।

अन्नाद्रमुक के उप महासचिव के.पी. मुनुसामी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उदयनिधि स्टालिन ‘पारिवार की राजनीति’ के प्रतीक हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई को किसी भी समय उनके पद से हटाया जा सकता है जबकि अभिनेता विजय ने अभी-अभी अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू की है।

वह अन्नाद्रमुक में युवा नेताओं से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। पार्टी का नेतृत्व 70 वर्षीय ई. के. पलानीस्वामी कर रहे हैं।

अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं में से एक मुनुसामी ने कहा, ‘‘उदयनिधि स्टालिन कौन हैं? यह दादा, पिता और पुत्र की पारिवारिक राजनीति है; वह युवक (द्रमुक या लोगों की खातिर) त्याग कर उस स्थान पर नहीं पहुंचा है।’’ इस मौके पर उनके साथ पूर्व मंत्री बी वलारमथी और के पनीदराजन भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक एक लोकतांत्रिक पार्टी है। यह कोई पारिवारिक राजनीति पार्टी नहीं है।’’ मुनुसामी ने कहा कि द्रमुक के उलट अन्नाद्रमुक में राजनीतिक उत्तराधिकारियों की घोषणा नहीं की जाती है।

मुनुसामी ने कहा कि पार्टी के संस्थापक एम. जी. रामचंद्रन ने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की थी और 1987 में उनके निधन के बाद जे. जयललिता को चुना गया। इसी तरह, जयललिता ने भी राजनीतिक उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की और 2016 में उनकी मृत्यु के बाद पलानीस्वामी को विधिवत पार्टी प्रमुख चुना गया।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

 

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