कोच्चि/कोट्टायम, 23 जनवरी (भाषा) हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का समर्थन करने की घोषणा करने वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने बृहस्पतिवार को अपनी बात से पलटते हुए कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।
केरल कांग्रेस (जोसेफ) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में पार्टी के एकमात्र सदस्य जॉर्ज ने कहा था कि एक जनप्रतिनिधि और एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि के तौर पर वह नए विधेयक का समर्थन करेंगे।
जॉर्ज ने 20 जनवरी को कोच्चि के निकट मुनंबम में आयोजित 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन के समापन पर यह बात कही थी। यह विरोध प्रदर्शन क्रमिक भूख हड़ताल का हिस्सा था। मुनंबम में लोग वक्फ बोर्ड के दावे वाली भूमि पर अपने राजस्व अधिकारों को बहाल करने के लिये भूख हड़ताल कर रहे हैं।
केरल कांग्रेस (जोसेफ) केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ की एक प्रमुख सहयोगी पार्टी है।
लोकसभा में कोट्टायम का प्रतिनिधित्व करने वाले जॉर्ज ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका रुख यूडीएफ और कांग्रेस के समान ही है, जिन्होंने वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन किया था।
विधानसभा ने पिछले साल अक्टूबर में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें केंद्र सरकार से विधेयक वापस लेने का आग्रह किया गया था।
जॉर्ज ने कहा कि जब विधेयक संसद में लाया जाएगा तो वह चर्चा में भाग लेंगे और मौजूदा वक्फ अधिनियम में कुछ प्रावधानों से संबंधित सुझाव देंगे।
उन्होंने मुनंबम के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इससे पहले मुनंबम में विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने वर्तमान वक्फ अधिनियम को ‘कठोर कानून’ बताया था, “जिसे किसी भी लोकतांत्रिक देश में कोई भी स्वीकार नहीं कर सकता।”
जॉर्ज ने अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘इसलिए मौजूदा कानून को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। इसमें बदलाव की आवश्यकता है।’
कोट्टायम के सांसद ने कहा कि जब संशोधन विधेयक संसद में लाया गया था, तब आम सहमति बनाने के प्रयास किए गए थे, लेकिन ‘दुर्भाग्य से’ इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूडीएफ ने जॉर्ज के रुख पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। जॉर्ज का रुख इस मामले पर यूडीएफ के रुख के विपरीत था।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को आठ अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था।
विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।
भाषा
जोहेब अविनाश
अविनाश