Uttarakhand Uniform Civil Code: देहरादून। उत्तराखंड राज्य समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू करने वाला राज्य बन गया है।बता दें कि पेश किए गए इस यूसीसी बिल में सभी नागरिकों के लिए उनके धर्म की परवाह किए बिना एक समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों का प्रस्ताव है। यूसीसी विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर कोई लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा है तो उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।
आपको बता दें कि अगर आप भी लिव इन रिलेशनशिप में रहने की प्लानिंग कर रहे है तो इस विधेयक के बारे में पूरी जानकारी रख लें। जानकारी के मुताबिक समान नागरिक संहिता के कानून बनने के बाद उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले या रहने की प्लानिंग करने वाले लोगों को जिला अधिकारियों के पास जाकर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा।
वहीं, साथ में रहने की इच्छा रखने वाले या पार्टनर की उम्र 21 वर्ष से कम लोगों के लिए माता-पिता की सहमति भी आवश्यक होगी। ऐसे रिश्तों का अनिवार्य पंजीकरण उन व्यक्तियों पर लागू होगा, जो उत्तराखंड के किसी भी निवासी या राज्य के बाहर लिव-इन रिलेशनशिप में हैं। बता दें कि बिल में यह भी प्रस्ताव है कि लिव-इन रिलेशनशिप उन मामलों में पंजीकृत नहीं किए जाएंगे, जो ‘नैतिकता के विरुद्ध’ हैं। यदि एक साथी विवाहित है या किसी अन्य रिश्ते में है, यदि एक साथी नाबालिग है, और यदि एक साथी की सहमति ‘जबरदस्ती, धोखाधड़ी’ द्वारा प्राप्त की गई थी, या गलत बयानी (पहचान के संबंध में) की गई है, तो पंजीकृत नहीं किया जाएगा।
Uttarakhand Uniform Civil Code: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के लिए एक वेबसाइट तैयार की जा रही है, जिसे जिला रजिस्ट्रार से सत्यापित किया जाएगा, जो रिश्ते की वैधता स्थापित करने के लिए ‘जांच’ करेगा। ऐसा करने के लिए, वह किसी एक या दोनों साझेदारों या किसी अन्य को मिलने के लिए बुला सकता है। इसके बाद जिला रजिस्ट्रार तय करेगा कि किसी जोड़े को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की इजाजत दी जाए कि नहीं।