रांची, एक जुलाई (भाषा) झारखंड उच्च न्यायालय ने भारतीय न्याय संहिता की नयी किताब में मुद्रण संबंधी त्रुटि के लिए प्रकाशन कंपनी को सोमवार को नोटिस जारी किया क्योंकि इससे कानून की प्रकृति और अर्थ में परिवर्तन हो गया।
न्यायाधीश आनंद सेन और न्यायाधीश सुभाष चंद की खंडपीठ ने ‘मेसर्स यूनिवर्सल लेक्सिसनेक्सिस’ द्वारा प्रकाशित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (2) में मुद्रण की गलती को देखते हुए इस पर स्वत: संज्ञान लिया और कंपनी को नोटिस जारी किया।
उच्च न्यायालय ने बताया कि बीएनएस की धारा 103 (2) हत्या के लिए दंड से संबंधित है।
अदालत ने प्रकाशन कंपनी को निर्देश दिया कि वह अपनी प्रकाशित प्रतियों के संबंध में सुधारात्मक कदम उठाए और उन्हें ग्राहकों को अभी न बेचें। पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश करेंगे।
भाषा प्रीति शोभना
शोभना