कोलकाता, 26 दिसंबर (भाषा) क्रिसमस के मौके पर नीदरलैंड के रॉटरडैम से दो लाल पांडा को दार्जिलिंग चिड़ियाघर लाया गया जिससे चिड़ियाघर कर्मियों और पश्चिम बंगाल के वनकर्मियों में खुशी और उत्साह का माहौल है।
पश्चिम बंगाल चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव सौरभ चौधरी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पिछले 10 वर्षों में विदेश से लाल पांडा नहीं लाया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘इन जानवरों को संरक्षण और प्रजनन के उद्देश्य से पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (पीएमजेडपी) में लाया गया है, जिसे दार्जिलिंग चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है।’’
चौधरी ने कहा कि दोनों लाल पांडा ढाई साल के हैं। उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में आनुवंशिक विविधता लाने के लिए लाल पांडा को लाया गया है और यहां की जलवायु रॉटरडैम चिड़ियाघर में उनके पहले के प्रवास स्थान जैसी ही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए खुशी और गर्व का क्षण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई वर्षों के प्रयासों, आधिकारिक प्रक्रिया और केंद्र तथा राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आखिरकार इन दो प्यारे जानवरों को यहां लाया गया। दस साल बाद विदेश से लाल पांडा को लाया गया है, हालांकि चिड़ियाघर में पहले से ही लाल पांडा हैं।’’
लाल पांडा (ऐलुरस फुलगेन्स) एक छोटा स्तनपायी प्राणी है जो पूर्वी हिमालय और दक्षिण-पश्चिमी चीन में मुख्य रूप से पाया जाता है।
दोनों लाल पांडा को 27 घंटे की उड़ान के बाद बुधवार तड़के कोलकाता हवाई अड्डे लाया गया। दोहा में विमान बदलना पड़ा और पशु चिकित्सकों द्वारा दोनों पांडा की जांच की गई।
चौधरी ने बताया कि दोनों जानवरों की स्थिति ठीक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दो लाल पांडा का नाम विशाल और कोशी रखा है और आप उन्हें रॉटरडैम से क्रिसमस का उपहार कह सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल चिड़ियाघर में 19 लाल पांडा हैं। इनमें से सात नर, 12 मादा और दो शावक हैं।’’
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा