डीसीडब्ल्यू की दो सदस्यों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ मालीवाल के आरोपों को खारिज किया

डीसीडब्ल्यू की दो सदस्यों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ मालीवाल के आरोपों को खारिज किया

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  • Publish Date - July 3, 2024 / 08:01 PM IST,
    Updated On - July 3, 2024 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की दो सदस्यों ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल के आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण’ बताते हुए खारिज कर दिया और उनसे आयोग में कार्यरत उन 700 से अधिक महिलाओं के संघर्ष से राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश नहीं करने का आग्रह किया, जिन्हें उनका वेतन नहीं मिला है।

मालीवाल को पत्र लिखने वाली समिति की सदस्यों फिरदौस खान और किरण नेगी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर आयोग की धनराशि रोकने का भी आरोप लगाया।

मालीवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर ‘आप’ सरकार के मंत्रियों पर महिला आयोग को एक संस्था के रूप में ‘‘कमजोर’’ करने का आरोप लगाया था।

‘आप’ द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए जाने के बाद मालीवाल ने डीसीडब्ल्यू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

खान और नेगी के पत्रों पर मालीवाल या उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

पत्रों में कहा गया है, ‘‘शहर में आयोग और विभिन्न अनुदान कार्यक्रमों में कार्यरत 700 से अधिक महिलाओं को नवंबर 2023 से कोई वेतन नहीं दिया गया है, लेकिन आपने बयान दिया है कि डीसीडब्ल्यू पर हमला आपके इस्तीफे के बाद शुरू हुआ।’’

नेगी और खान ने अपने पत्रों में इस बात पर जोर दिया कि केजरीवाल और उनकी सरकार आयोग पर हमले के दौरान डीसीडब्ल्यू के साथ खड़ी है।

उन्होंने पत्रों में कहा, ‘‘हम आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते है कि कृपया निर्वाचित सरकार पर हमला करना बंद करें और इसके बजाय, आयोग पर इस हमले के असल अपराधियों को बेनकाब करें, जैसा कि आपने पिछले दो महीने से पहले तक किया है।’’

दोनों सदस्यों ने कहा, ‘आप (मालीवाल) जैसी महिला, जो इस आयोग की नौ वर्ष तक प्रमुख रही हैं और अब देश की सर्वोच्च विधायिका की सदस्य हैं, ने इस तरह के दुर्भावनापूर्ण, भ्रामक और काल्पनिक दावे किए हैं।’’

खान और नेगी ने दावा किया कि केजरीवाल ने हमेशा डीसीडब्ल्यू को बढ़ावा दिया है और इसका समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि यह ‘‘बेहद दुखद’’ है कि वह डीसीडब्ल्यू को मजबूत करने के अपने प्रयासों के बजाय अब निर्वाचित सरकार को दोषी ठहरा रही हैं।

भाषा

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत