बेंगलुरु, चार नवंबर (भाषा) बेंगलुरु के दो लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि साइबर जालसाजों ने उन्हें कथित तौर दो शीर्ष कारोबारियों के फर्जी वीडियो दिखाकर बहकाया और उनसे 95 लाख रुपये ठग लिये।
पुलिस ने बताया कि दोनों ही मामलों में, शिकायतकर्ताओं ने कथित वीडियो की प्रामाणिकता की जांच नहीं की और कुछ संदिग्ध लिंक पर क्लिक कर दिया। लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्हें जालसाजों द्वारा लोगों को धोखा देने और उच्च मुनाफा देने के वादे वाली नकली वेबसाइट दिखाई दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शिकायतकर्ताओं के अनुसार, इन सोशल मीडिया मंच में निवेश करने के बाद ही उन्हें आभास हुआ कि इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के कथित वीडियो का इस्तेमाल उन्हें संदिग्ध लिंक पर क्लिक कराने के लिए किया गया और उन्होंने बिना किसी उचित जांच-पड़ताल के निवेश कर दिया। उन्हें एहसास हुआ कि जालसाज ऐसी हस्तियों के फर्जी वीडियो का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी कर रहे थे।’’
पुलिस ने बताया कि पहले मामले में, वनशंकरी की एक निवासी ने एक ट्रेडिंग मंच को बढ़ावा देने वाला वीडियो देखा, जिसमें निवेश पर उच्च मुनाफे का वादा किया गया था।
महिला के अनुसार, उसने कुछ संदिग्ध दिखने वाली वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर क्लिक किया और कथित मंच के साथ अपनी जानकारी साझा की। बाद में, उसे एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने कथित मंच से संबद्ध एक एजेंट होने का दावा करते हुए उसे उच्च मुनाफे का लालच देकर निवेश करने के लिए झांसे में ले लिया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में, उसने लगभग 1.4 लाख रुपये का निवेश कराया गया और शिकायतकर्ता को आठ हजार रुपये का मुनाफा प्राप्त हुआ और जब शिकायतकर्ता ने दूसरी बार 6.7 लाख रुपये का निवेश किया तो कोई मुनाफा नहीं मिला और उसने निवेश की गई राशि भी गंवा दी।
पुलिस ने बताया कि इसी तरह वह एक अन्य मंच पर भी 67 लाख रुपये की ठगी का शिकार हुई।
अधिकारी ने बताया कि दूसरे मामले में, एक सेवानिवृत्त कर्मचारी सोशल मीडिया मंच पर एक वीडियो देखकर ठगी का शिकार हुआ, जिसमें निवेश पर अधिक मुनाफे का वादा करने वाले एक ट्रेडिंग मंच के इस्तेमाल की बात कही गई थी।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने कथित जालसाजों द्वारा साझा किए गए दो अलग-अलग बैंक खातों में राशि अंतरित करने के बाद 19 लाख रुपये गंवा दिए लेकिन एक बार राशि अंतरित होने के बाद उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा भी हो सकता है कि जालसाजों ने इन हस्तियों के उन वीडियो का इस्तेमाल किया हो जो हितधारकों के लिए थे। इन्हीं वीडियो का इस्तेमाल भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए किया गया।’’
पुलिस ने कहा कि इस संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं और अपराधियों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
भाषा
खारी मनीषा
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