तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी विधायक हुमायूं कबीर को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया

तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी विधायक हुमायूं कबीर को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया

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  • Publish Date - November 27, 2024 / 04:26 PM IST,
    Updated On - November 27, 2024 / 04:26 PM IST

कोलकाता, 26 नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी विधायक हुमायूं कबीर को मीडिया में उनकी हालिया टिप्पणियों के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया।

अपनी टिप्पणियों में कबीर ने कहा था कि ‘पार्टी के भीतर एक खेमा’ ममता बनर्जी द्वारा लिए गए प्रत्येक निर्णय को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है।

पार्टी की अनुशासन समिति के सदस्य ने कहा कि कबीर से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सार्वजनिक रूप से इस तरह की टिप्पणी करने का कारण बताने को कहा गया है। बैठक में पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं। बैठक में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक रूप से बोलकर पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ सकता।

उन्होंने कहा, “उन्हें अपना जवाब भेजने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है और उनका जवाब मिलने के बाद हम पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के परामर्श से आगे की कार्रवाई शुरू करेंगे।”

अपनी बात पर अड़े कबीर ने हालांकि कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्होंने केवल अभिषेक बनर्जी को तृणमूल पदानुक्रम में नंबर दो की जगह देने के बारे में बताई गई स्थिति को दोहराया और तर्क दिया कि युवा सांसद, जिनमें महान राजनीतिक कौशल है, को संगठन को मजबूत करने के लिए अधिक स्थान दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “अगर मैंने कुछ गलत कहा है तो मैं वही दोहराता हूं जो मैंने कहा। मैं एक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं और 80 के दशक में सक्रिय राजनीति में आया हूं। मुझे आपसे (मीडिया से) ‘कारण बताओ’ की खबर मिल रही है। मैं व्यथित नहीं हूं। मैं जवाब दूंगा। जमीनी कार्यकर्ता होने के नाते मैं परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं। ‘कारण बताओ’ नोटिस मिलने पर गर्व महसूस कर रहा हूं।”

मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर के बाहर एक बांग्ला टीवी चैनल से बात करते हुए पार्टी लाइन से हटकर विवादास्पद टिप्पणियां करने के लिए चर्चा में रहने वाले भरतपुर के विधायक ने आरोप लगाया था कि “हमारी नेता ममता बनर्जी के आसपास के लोग उनके शुभचिंतक नहीं हैं।”

कबीर ने कहा, “मुझे इस बात पर गंभीर संदेह है कि क्या दीदी (ममता बनर्जी) के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग उन्हें लंबे समय तक पश्चिम बंगाल में प्रशासन की बागडोर संभालते देखना चाहते हैं? वे सिर्फ पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। इन लोगों को 2026 के विधानसभा चुनाव में उचित जवाब मिलेगा।”

उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी निर्विवाद रूप से मेरी नेता हैं, वे अभिषेक बनर्जी की भी नेता हैं। लेकिन पार्टी में अभिषेक के प्रभाव को कम करने की कोशिश करने वालों को भविष्य में करारा जवाब मिलेगा। 2026 के चुनावों का इंतजार करें।”

कबीर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने पहले संवाददाताओं से कहा था, “उन्हें ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए थीं। अगर उन्हें कोई शिकायत थी तो उन्हें पार्टी फोरम में यह मुद्दा उठाना चाहिए था।”

कबीर 2011 में कांग्रेस के टिकट पर रेजिनगर से चुने गए थे और 2013 में विधायक पद से इस्तीफा देकर तृणमूल में शामिल हो गए थे।

अगले उपचुनाव में वह उस सीट से हार गये और बाद में 2015 में उन्हें तृणमूल से निष्कासित कर दिया गया।

वह 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल में लौट आए और भरतपुर से चुने गए।

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा