नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति अली हसन म्विनी तथा मलावी के उपराष्ट्रपति सोलोस चिलिमा को उनके निधन पर राज्यसभा में सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई।
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने रईसी का जिक्र करते हुए कहा कि ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित पहाड़ी क्षेत्र में 19 मई को खराब मौसम की वजह से हुए हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, वहां के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और कुछ अन्य उच्च पदाधिकारियों का निधन हो गया।
सभापति ने कहा ‘‘संकट की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ था। मैं स्वयं भारत सरकार की ओर से 22 मई को ईरान गया था और आधिकारिक अंत्येष्टि कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए रईसी, अब्दुल्लाहियन और अन्य ईरानी अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।’’
उन्होंने तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति अली हसन म्विनी का जिक्र करते हुए कहा कि म्विनी ने 29 फरवरी 2024 को 98 साल की आयु में अंतिम श्वास ली। उन्होंने बताया कि तंजानियाई राजनीतिज्ञ म्विनी ने 1985 से 1995 तक संयुक्त गणराज्य तंजानिया के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दीं तथा आर्थिक सुधार की उदार नीतियां लागू कीं।
सभापति ने मलावी के उपराष्ट्रपति सोलोस चिलिमा का जिक्र करते हुए कहा कि उनका और नौ अन्य लोगों का एक विमान दुर्घटना में 11 जून को निधन हो गया। उन्होंने कहा कि मलावी के विकास में चिलिमा ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि वह पूरे सदन की ओर से इन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देते हैं। इसके बाद सदन में मौजूद सदस्यों ने दिवंगत नेताओं के सम्मान में कुछ पल का मौन रखा।
भाषा मनीषा ब्रजेन्द्र
मनीषा माधव
माधव