कर्नाटक विधानसभा में कृष्णा को श्रद्धांजलि दी गई, नेताओं ने ‘सज्जन राजनेता’ बताकर प्रशंसा की

कर्नाटक विधानसभा में कृष्णा को श्रद्धांजलि दी गई, नेताओं ने ‘सज्जन राजनेता’ बताकर प्रशंसा की

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  • Publish Date - December 10, 2024 / 04:55 PM IST,
    Updated On - December 10, 2024 / 04:55 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

बेलगावी (कर्नाटक), 10 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक विधानसभा ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा को श्रद्धांजलि दी। विभिन्न दलों के नेताओं ने दिवंगत नेता को एक ‘सज्जन राजनेता’ और ‘कुशल नेतृत्वकर्ता’ करार देते हुए बेंगलुरु को आईटी हब बनाने में उनके योगदान की सराहना की।

नेताओं ने कृष्णा के ‘परिधान पहनने के तौर तरीके’ (ड्रेसिंग सेंस), भाषा पर पकड़ और टेनिस खेल के प्रति उनके प्रेम की भी प्रशंसा की।

कृष्णा का मंगलवार तड़के उनके आवास पर निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे।

जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने कृष्णा के निधन की जानकारी दी और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कृष्णा ने सभी चार सदनों – विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व किया और वह अपने पूरे करियर में कभी भी नकारात्मक सोच में शामिल नहीं रहे।

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कृष्णा के मन में किसी के प्रति कोई नफरत नहीं थी और उन्होंने हमेशा अपने पद की गरिमा बढ़ाई। उनका जीवन युवा राजनेताओं के लिए एक संदेश है। हमें अच्छे नेता तो मिल सकते हैं, लेकिन उनके जैसा अच्छा राजनेता मिलना मुश्किल है।’’

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कृष्णा को एक राजनेता और दूरदर्शी बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

दिवंगत नेता की लंबी राजनीतिक यात्रा पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने कॉलेज के दिनों में (बीएससी की पढ़ाई के दौरान) वह कृष्णा के प्रशंसक थे। उन्होंने कहा कि जब कृष्णा ने 1968 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से लोकसभा उपचुनाव लड़ा था तब उन्होंने उनका समर्थन किया था।

सिद्धरमैया ने याद करते हुए कहा कि कृष्णा ने कांग्रेस पार्टी में उनका पूरे दिल से स्वागत किया था और वह एक महान वक्ता होने के साथ एक अच्छे सांसद थे। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कभी प्रतिशोध की राजनीति नहीं की। वह एक दुर्लभ व्यक्तित्व वाले राजनेता थे।’’

नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा, ‘‘बेंगलुरु के लोग कृष्णा को उसी तरह कभी नहीं भूल सकते, जैसे वे शहर के संस्थापक केम्पेगौड़ा को नहीं भूल सकते। उन्होंने (कृष्णा ने) शहर को गरिमा और गौरव दिलाया।’’

कृष्णा को एक बेदाग और प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कृष्णा हमेशा अच्छे कपड़े पहनते थे और साफ-सुथरे तरीके से बातचीत करते थे। भाषा पर उनकी पकड़ थी।’’

अशोक ने कहा कि बेंगलुरु को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और मेट्रो रेल नेटवर्क मिलने का श्रेय कृष्णा को ही जाता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने सही मायने में असली ‘ब्रांड बेंगलुरु’ बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उन्हें टेनिस खेल से बहुत प्यार था जिसे वह खुद भी खेलते थे।

कृष्णा के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री रहे जी परमेश्वर और एच के पाटिल ने उनके साथ अपनी कई बातचीत और उनके साथ बिताए गए पलों के कई किस्से साझा किए।

विभिन्न पार्टियों के कई नेताओं ने कृष्णा और कर्नाटक के विकास में उनके योगदान की सराहना की और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कृष्णा 11 अक्टूबर 1999 से 28 मई 2004 तक (कांग्रेस से) कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी सेवाएं दीं और 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान विदेश मंत्री थे।

भाषा संतोष वैभव

वैभव