लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नया पासपोर्ट प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा: अदालत
लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नया पासपोर्ट प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा: अदालत
नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि लिंग परिवर्तन कराने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को हुलिये में बदलाव के कारण नया पासपोर्ट प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इस मुद्दे का समाधान करने की जरूरत है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने एक ट्रांसजेंडर महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से अधिकारियों को नए नाम और लिंग सहित संशोधित विवरण के साथ उसका पासपोर्ट फिर से जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
अधिकारियों को मामले को देखने का निर्देश देते हुए न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसी तरह की दिक्कतें कई मामलों में सामने आ रही हैं और ये लोग लिंग परिवर्तन के बाद पासपोर्ट जारी नहीं होने पाने की वजह से परेशान हो रहे हैं। क्योंकि सर्जरी के बाद उनका हुलिया बदल जाता है। इसे दुरूस्त करने की आवश्यकता है।’’
याचिकाकर्ता, जो जन्म से पुरुष थी, ने कहा कि वह रोजगार मिलने के बाद 2018 में अमेरिका चली गई और 2016 से 2022 के बीच पुरुष से महिला बन गई। उसके बाद वह उस देश में एक अदालत के आदेश के बाद कानूनी तौर पर नाम और लिंग में बदलाव करा सकी।
याचिकाकर्ता ने अपना नाम और लिंग बदलते हुए संशोधित विवरण के साथ पासपोर्ट फिर से जारी करने के लिए 18 जनवरी, 2023 को भारतीय अधिकारियों को एक आवेदन दिया था, लेकिन यह छह महीने से अधिक समय से लंबित है।
विदेश मंत्रालय और अमेरिका के शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूतावास का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील फरमान अली माग्रे ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता के आवेदन पर कार्रवाई की गई है और यह पुलिस सत्यापन के लिए लंबित है।
उन्होंने मामले में बेहतर निर्देश प्राप्त करने के लिए अदालत से उन्हें कुछ समय देने का आग्रह किया।
अदालत ने केंद्र के वकील को अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया। मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश

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