आयुर्वेद के परम्परागत ज्ञान का आधुनिकीकरण किया जाए : मिश्र

आयुर्वेद के परम्परागत ज्ञान का आधुनिकीकरण किया जाए : मिश्र

आयुर्वेद के परम्परागत ज्ञान का आधुनिकीकरण किया जाए : मिश्र
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: January 19, 2021 10:26 am IST

जयपुर, 19 जनवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और कश्यप संहिता में उपलब्ध आयुर्वेद ज्ञान के आधुनिकीकरण के प्रयास किये जाने पर जोर देते हुए हिंदी में इस ज्ञान के प्रसार की आवश्यकता जताई है।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा, हृदय रोगों तथा शरीर की समस्त बीमारियों के उपचार का महत्वपूर्ण उल्लेख है। आधुनिक सन्दर्भों में इसके मर्म में जाने की जरूरत है।

मिश्र मंगलवार को सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के चौथे दीक्षान्त समारोह को ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे।

 ⁠

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितियों में परम्परागत भारतीय जीवनशैली और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि समाज के ऐसे लोग जो महंगी चिकित्सा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं, आयुर्वेद के तहत उन्हें अधिकाधिक लाभान्वित किये जाने की आवश्यकता है।

उन्होने कहा कि अनेक देशों में आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों पर इस समय महत्वपूर्ण शोध हो रहा है। कैंसर, डायबिटीज जैसी जटिल बीमारियों में यह कारगर पायी गयी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी ध्यान आयुष पद्धतियों पर पिछले कुछ समय के दौरान विशेष रूप से आकृष्ट हुआ है।

उन्होंने सुझाव दिया कि आयुर्वेद की पंचकर्म, क्षारकर्म, स्वर्ण प्राशन, योग इत्यादि विधाओं को आधुनिक रूप में विकसित करने तथा नई औषधियों के अनुसंधान व परीक्षण के लिए सुनियोजित रणनीति के तहत कार्य किया जाए।

भाषा कुंज पृथ्वी प्रशांत

प्रशांत


लेखक के बारे में