केरल में मूसलाधार बारिश जारी रहने से सामान्य जन-जीवन प्रभावित |

केरल में मूसलाधार बारिश जारी रहने से सामान्य जन-जीवन प्रभावित

केरल में मूसलाधार बारिश जारी रहने से सामान्य जन-जीवन प्रभावित

:   Modified Date:  July 18, 2024 / 08:27 PM IST, Published Date : July 18, 2024/8:27 pm IST

(तस्वीर के साथ)

कोझिकोड/कन्नूर , 18 जुलाई (भाषा) केरल के विभिन्न हिस्सों में, खास कर उत्तरी मालाकार जिलों के पहाड़ी इलाकों में बृहस्पतिवार को मूसलाधार बारिश होने से सामान्य जन-जीवन प्रभावित हो गया।

उत्तरी केरल के वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों के कई हिस्सों से बाढ़, पेड़ उखड़ने, संपत्ति को नुकसान और मामूली भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इन तीनों जिलों में आज ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।

इन तीनों जिलों के जिला प्रशासन ने बारिश की वजह से शुक्रवार (19 जुलाई) को शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की है।

पलक्कड जिले में एक स्कूल बस नहर में पलट गई लेकिन कोई घायल नहीं हुआ और उसमें सवार सभी बच्चों को बचा लिया गया।

कोझिकोड से आई तस्वीर में स्कूली बच्चों को एक जीप में सवार होकर स्कूल जाते हुए दिख रहे हैं और उक्त वाहन आंशिक रूप से जलमग्न सड़क में डूबा हुआ है।

जिला प्रशासन ने बताया कि कन्नूर में भारी बारिश के कारण 80 लोगों को शिविरों में स्थानांतरित करना पड़ा और करीब 71 परिवारों को कन्नूर में उनके रिश्तेदारों के घर भेज दिया गया। इसके अलावा, मानसून की बारिश के कारण जिले में 13 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और 242 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

उत्तरी केरल के कुछ हिस्सों से भी बारिश के कारण दीवार गिरने और आसपास खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं।

त्रिशूर और एर्णाकुलम जिलों से भी बारिश के कारण संपत्ति को नुकसान की खबरें हैं।

इनके अलावा एर्णाकुलम जिले में नदी पार करने का प्रयास करते समय एक जंगली हाथी की कथित तौर पर बह जाने से मौत हो गई।

वायनाड जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने की खबर है, जिसमें 29 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, 700 से अधिक लोगों को 22 शिविरों में भेजा गया और वहां से बहने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।

इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को राज्य के तीन उत्तरी जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया। बाकी चार जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है।

‘रेड अलर्ट’ 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक, भारी से अत्यधिक भारी बारिश को इंगित करता है, जबकि ‘आरेंज अलर्ट’ का मतलब छह से 20 सेमी तक बहुत भारी बारिश है। ‘यलो अलर्ट’ का मतलब छह से 11 सेमी के बीच भारी बारिश है।

आईएमडी ने आगे कहा कि एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम वर्षा होने और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने का अनुमान है।

पिछले कुछ दिनों में राज्य में हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन, संपत्ति की क्षति, सड़कों पर जलभराव हुआ और कई एकड़ कृषि भूमि बाढ़ के कारण जलमग्न हो गई है।

इस बीच, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) ने चेतावनी दी है कि केरल समुद्र तट पर, विशेष रूप से कन्नूर और कासरगोड में 2.5 से 3.4 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

आईएनसीओआईएस ने इन क्षेत्रों के मछुआरों और तटीय निवासियों को विशेष सावधानी बरतने, मछली पकड़ने वाले जहाजों को बंदरगाह में सुरक्षित रूप से खड़ा रखने और समुद्र तट से दूर रहने की सलाह दी।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)