Chandra Grahan 2022: आज लगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, वैज्ञानिकों ने दिया ‘ब्लड मून’ नाम

Today the first lunar eclipse of the year, scientists named 'Blood Moon' : आज लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, वैज्ञानिकों ने दिया 'ब्लड मून'..

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  • Publish Date - May 16, 2022 / 08:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

Chandra Grahan 2022 : नई दिल्ली। आज साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है। साल का पहला चंद्र ग्रहण आज यानी बुध पूर्णिमा के दिन लग रहा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो कि पूरी दुनिया के कई देशों में नजर आने वाला है। विशेषज्ञों ने इसे ‘ब्लड मून’ नाम दिया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

गौरतलब है कि चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक देती है। तो चलिए हम आपको बताते हैं की साल का पहला चंद्र ग्रहण कब, कहां और कैसे दिखाई देगा? इसके साथ ही वैज्ञानिक इसे ‘ब्लड मून’ क्यों कह रहे है?

5 घंटे से ज्यादा समय तक रहेगा प्रभाव

भारतीय समय के अनुसार 2022 का पहला चंद्र ग्रहण आज (सोमवार को) सुबह 07:02 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 12:20 मिनट तक प्रभावित रहेगा। बता दें इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि करीब 5 घंटे से ज्यादा रहेगी।

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भारत में नहीं देगा दिखाई

Chandra Grahan 2022 : आज का चंद्र भारत में नजर नहीं आएगा। इस कारण भारत में ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्र ग्रहण यूरोप के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से, अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर समेत अंटार्कटिका और एशिया की कुछ जगहों से दिखाई देगा।

NASA के जरिये देख सकते है

वैसे तो ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। अगर फिर भी आप इस ग्रहण को देखना चाहते है तो 16 मई को अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जाकर इसे देख सकते हैं। इसक साथ ही आप इसे सीधे नासा की वेबसाइट (nasa.gov/nasalive) पर जाकर भी इसे देख सकते है।

क्यों कहा जाता है ‘ब्लड मून’

Chandra Grahan 2022 : वैज्ञानिकों में इसे ‘ब्लड मून’ नाम दिया है। हम बता चुके हैं कि ये खगोलीय घटना कैसे होती है। जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के किनारों से होकर चांद तक पहुंचती है तो इसका नीला और हरा रंग वातावरण में बिखर जाता है, क्योंकि इनकी वेवलेंथ (wavelength) कम होती है। जबकि लाल रंग की वेवलेंथ (wavelength) ज्यादा होती है और वो चंद्रमा तक पहुंच जाता है। ऐसे में चांद लाल रंग का दिखाई देने लगता है। इस कारण इसे ब्लड मून कहा जाता हैं।

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