तृणमूल सदस्यों ने प्रश्नकाल में राज्यसभा से किया बहिर्गमन |

तृणमूल सदस्यों ने प्रश्नकाल में राज्यसभा से किया बहिर्गमन

तृणमूल सदस्यों ने प्रश्नकाल में राज्यसभा से किया बहिर्गमन

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Modified Date: March 21, 2025 / 04:27 PM IST
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Published Date: March 21, 2025 4:27 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) राज्यसभा में प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज को स्थगित कर गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा किए जाने के फैसले के विरोध में तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन से बहिर्गमन किया।

सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन को शुक्रवार को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा समाप्त करने की आवश्यकता है क्योंकि लोकसभा में 2025-26 के लिए विभिन्न अनुदान मांगों का ‘गिलोटिन’ (एक साथ पारित करना) किया जाना तय हुआ है।

कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज को स्थगित करने के प्रस्ताव का विरोध किया।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने सवाल किया कि गृह मंत्रालय पर चर्चा शुक्रवार को क्यों सूचीबद्ध की गई जबकि आज गैर सरकारी कामकाज का दिन है।

तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि प्रश्नकाल एकमात्र ऐसा समय होता है जब विपक्षी सदस्यों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी विधेयक ‘सांसदों के दिल के करीब’ होते हैं।

बीजू जनता दल (बीजद) के सस्मित पात्रा और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुचि शिवा ने भी इस बात पर सहमति जताई कि सदन को प्रश्नकाल और गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों के समय को नहीं छेड़ना चाहिए।

तथापि, शून्यकाल समाप्त होने के बाद सभापति ने गृह मंत्रालय पर आगे चर्चा शुरू करा दी। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इसका विरोध किया और नारे लगाए।

इसके बाद तृणमूल सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

गृह मंत्रालय के कामकाज पर साकेत गोखले ने बहस की शुरुआत की थी। आसन की ओर से इस पर चर्चा में हिस्सा लेने के लिए जब डोला सेन का नाम पुकारा गया तो उन्होंने कहा कि वह इसमें भाग नहीं लेंगी।

संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने कहा कि उनकी पार्टी ने सदन से बहिर्गमन किया।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यसभा के कामकाज का लोकसभा से कोई लेना-देना नहीं है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सदन में तानाशाही करते और धमकी देते देखा है। उन्होंने संसद और राज्यसभा के हर एक सदस्य को धमकाया है। गिलोटिन सांसदों के अधिकारों को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक बहाना है।

गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरुआत बुधवार को गोखले ने की थी।

सदन में बृहस्पतिवार को मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा नहीं हो सकी थी क्योंकि परिसीमन के खिलाफ द्रमुक सदस्यों के नारों वाली टी-शर्ट पहनकर आने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अविनाश

अविनाश

 

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