नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस ने नोटिस जारी कर पूछा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए। बता दें कि 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के आईटीओ और लाल किला पर सैकड़ों की संख्या में किसानों ने उत्पात मचाया दिया था।
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इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से कई लोग घायल हुए। किसान आंदोलन में हिंसा के बाद से कई किसान संगठनों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी तेज कर दी है, जिसके मद्देनजर आज BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत को नोटिस जारी उनसे जवाब मांगा गया है।
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गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने मंगलवार के दिन गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले समेत दिल्ली के अन्य इलाकों में हुई हिंसा के मामले में 25 से अधिक मामले दर्ज किए हैं, 19 लोगों को गिरफ्तार और 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि किसान नेताओं ने ट्रैक्टर रैली के दौरान उन वादों को पूरा नहीं किया जो उन्होंने दिल्ली पुलिस से किए थे। इसके जवाब में किसान नेताओं ने कहा है कि ये जो कुछ भी हुआ है, वो सब कुछ सोची समझी रणनीति के तहत हुआ है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
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टिकैत ने बयान दिया था कि 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी। किसान आंदोलन जारी रहेगा।
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अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह के मुताबिक किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया। 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं।