केरल।Thrissur Pooram: कुदामट्टम त्रिशूर पूरम उत्सव मध्य केरल शहर का एक प्रतिष्ठित त्योहार है, जो प्रसिद्ध वडक्कुनाथन मंदिर के विशाल मैदान में पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया गया था। जिसमें पूरम का अर्थ उन मंदिर उत्सवों से है जो केरल के हृदय और आत्मा हैं। इन समारोहों के दौरान जब सड़कें सज-धज जाती हैं तब संपूर्ण क्षेत्र जीवंत हो उठता है। सुसज्जित हाथी सड़कों से गुजरते हैं और उनकी चिंघाड़ दूर तक सुनी जा सकती है। अनेक लोक कलाकार अपनी सेवा देते हैं जब मंदिर और उसके आस-पास का इलाका मेले में तब्दील हो जाता है। वहीं प्रदर्शित रंग सम्मोहक होते हैं और लोग इन पूरम उत्सव की धार्मिक उत्साह के साथ प्रतीक्षा करते हैं।
Thrissur Pooram: कुदामट्टम त्रिशूर पूरम उत्सव का सबसे रंगीन कार्यक्रम है। यह अनुष्ठान, जिसमें 15 हाथियों की दो पंक्तियाँ आमने-सामने खड़ी होती हैं और एक के बाद एक नवीन रूप से डिजाइन किए गए छतरियों को प्रदर्शित करती हैं, तिरुवंबडी और परमेक्कावु मंदिरों के बीच मैत्रीपूर्ण प्रतिद्वंद्विता और सौहार्द का प्रतीक है। इस त्रिशूर से कुदामट्टम के दृश्य में भगवान राम और चंद्रयान की छवि वाली एलईडी छतरियां इस साल के कुदामट्टम का प्रमुख आकर्षण थीं। जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं और इस उत्सव का आनंद लेते हैं।
#WATCH | Visuals of Kudamattam from Thrissur. LED parasols featuring Lord Ram and Chandrayaan were the major attractions of this year’s Kudamattam.
Kudamattam is the most colourful event of the Thrissur Pooram festival. The ritual, which has two rows of 15 elephants standing… pic.twitter.com/9CMzz4dphN
— ANI (@ANI) April 19, 2024
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