पाकिस्तान के मंदिर में तोड़फोड़ का तीन साल पुराना वीडियो बांग्लादेश का बताकर किया जा रहा है शेयर

पाकिस्तान के मंदिर में तोड़फोड़ का तीन साल पुराना वीडियो बांग्लादेश का बताकर किया जा रहा है शेयर

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  • Publish Date - September 19, 2024 / 10:09 PM IST,
    Updated On - September 19, 2024 / 10:09 PM IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (पीटीआई फैक्ट चेक) सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हथियारों और लाठियों से लैस भीड़ धार्मिक नारे लगाते हुए एक मंदिर में तोड़फोड़ कर रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश के गणपति मंदिर का है।

पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वास्तव में यह वीडियो 2021 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में हुई तोड़फोड़ का है।

करीब तीन मिनट 10 सेकंड के इस वीडियो को कुछ सोशल मीडिया यूजर्स बांग्लादेश का बताकर साझा कर रहे हैं। फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा, “बांग्लादेश में महिलाएं गणपति मंदिर गईं.. वहां मुस्लिम लोगों ने क्या किया देखिए, अभी समय नहीं बीता है, एकजुट हो जाओ, ये जाति किसी की नहीं होगी, हमारे भारत में, हमारे महाराष्ट्र में, हमारे जिले में, हमारे गांव में, सभी मुसलमान एक जैसे हैं। हमारे साथ ऐसा कभी नहीं होगा, यह भी उतना ही सच है कि हिंदुओं का जीना मुश्किल हो जाएगा, संख्या बढ़ गई तो हिंदुओं की भाषा को सीना तानकर नचाया जाएगा। जिन हिंदू लोगों के पास लाई पुल्का है या नहीं है, उन्हें भी नहीं छोड़ेंगे।”

सोशल मीडिया पर यह वीडियो व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है।

वायरल दावे की पुष्टि के लिए डेस्क ने ‘इनविड टूल’ की मदद ली और वीडियो के कीफ्रेम्स को ‘गूगल लेंस’ पर रिवर्स सर्च किया। जांच में पता चला कि यह वीडियो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भोंग शरीफ इलाके में अगस्त 2021 में हुई घटना का है। उस समय, धार्मिक नारे लगाते हुए भीड़ ने मंदिर पर हमला किया था और फेसबुक पर सीधा प्रसारण भी किया था।

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ और ‘आज तक’ की खबर के अनुसार, यह घटना 4 अगस्त 2021 को हुई थी। मंदिर पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को तलब किया था और कड़ी आपत्ति जताई थी। पाकिस्तानी पुलिस ने इस मामले में 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की थी।

घटना के करीब एक साल बाद, मई 2022 में, पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने इस हमले के लिए 22 लोगों को दोषी ठहराया और पांच-पांच साल की सजा सुनाई। हालांकि, 62 अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया था।

पीटीआई फैक्ट चेक की पड़ताल से यह साफ है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के सिद्धिविनायक मंदिर में हुई तोड़फोड़ का है, जिसे सोशल मीडिया पर बांग्लादेश का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

पूरी फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां क्लिक कर पढ़ें – https://bit.ly/4gu5632

सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी दावे की सच्चाई या सत्यापन के लिए पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क के व्हाट्सएप नंबर +91-8130503759 से संपर्क करें।

(पीटीआई फैक्ट चेक)

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