चंडीगढ़। अमृतसर केंद्रीय कारागार से तीन विचाराधीन कैदी जेल तोड़कर फरार हो गए हैं, जिसके बाद इस मामले में सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। फरार आरोपियों में बलात्कार का एक आरोपी और चोरी तथा डकैती के अन्य दो आरोपी अपनी बैरक की दीवार तोड़कर शनिवार तथा रविवार की मध्यरात्रि को रफूचक्कर हो गए।
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पुलिस के मुताबिक फरार कैदियों ने करीब 16 फुट ऊंची अंदर की दीवार को एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर फांदा, जबकि करीब 21 फुट ऊंची बाहर की दीवार को स्टील की एक छड़ और गद्दे के कवर से हुक बनाकर फांदा और वे टावर नंबर 10 के पास एक प्वाइंट से जेल परिसर से भाग गए, यह हिस्सा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में नहीं था।
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घटना के बाद जेल में तैनात दो सहायक जेल अधीक्षकों, चार वार्डनों और एक होमगार्ड सिपाही समेत सात कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, इस बीच, मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं जिसका नेतृत्व जालंधर के आयुक्त करेंगे, मुख्यमंत्री ने जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को जेल सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को निलंबित करने के भी निर्देश दिए हैं।
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भागने वाले एक कैदी की पहचान अमृतसर, मजीठा रोड की आरा कॉलोनी के 22 वर्षीय विशाल के रूप में हुई है, उसके खिलाफ पिछले साल बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। वह 05-04-2019 को जेल में आया था, भगने वाले अन्य दो कैदी भाई हैं जिनकी पहचान चंडीगढ़ रोड, खडूर साहिब, तरनतारन निवासी 34 वर्षीय गुरप्रीत और 25 वर्षीय जरनैल के रूप में हुई है। दोनों भाइयों पर चोरी तथा डकैती का आरोप हैं और उन्हें पिछले साल जुलाई में जेल में लाया गया था।
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घटना पर शिरोमणि अकाली दल ने अमृतसर के उच्च सुरक्षा वाले केन्द्रीय कारागार से तीन कैदियों के भागने की घटना की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने और पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को तत्काल बर्खास्त करने की रविवार को मांग की है।
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