भुवनेश्वर, 10 नवंबर (भाषा) ओडिशा में विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच के तरीके को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और पुलिस की रविवार को आलोचना की।
बीजद और कांग्रेस का दावा है कि पीड़ित छात्रा को कथित तौर पर अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए तीन पुलिस थानों के चक्कर लगाने पड़े।
बीजद और कांग्रेस ने ओडिशा पुलिस को प्रस्तुत अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया कि बादामबाड़ी पुलिस थाने द्वारा पीड़िता की प्राथमिकी स्वीकार किए जाने से पहले पीड़िता ने कई पुलिस थानों – पुरी घाट, सदर और बारंग से संपर्क किया था।
यह घटना दशहरा उत्सव के दौरान हुई जब पीड़िता अपने पुरुष मित्र के साथ अपना जन्मदिन मनाने के लिए पुरी घाट पुलिस थाना क्षेत्र में एक कैफे में गई थी।
लड़की ने दावा किया कि वह अपना जन्मदिन मनाने के लिए दशहरा पर्व के दौरान अपने प्रेमी के साथ पुरी घाट थाना इलाके में एक कैफे में गई थी। उसने कहा कि प्रेमी ने वहां कथित तौर पर कैफे मालिक की मदद से अपने फोन में उनके कुछ अंतरंग क्षणों का वीडियो बना लिया।
पुलिस ने दर्ज मामले के आधार पर बताया कि उस वीडियो के सहारे प्रेमी तथा उसके दोस्तों ने लड़की को ब्लैकमेल किया और कई बार उससे दुष्कर्म किया। इसने कहा कि इस संबंध में शिकायत चार नवंबर को दर्ज की गई और आरोपियों को अगले दो दिन में गिरफ्तार कर लिया गया।
बाराबती-कटक विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने इस घटना के संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी। बीजू जनता दल के महिला प्रकोष्ठ के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष स्नेहांगिनी छुरिया के नेतृत्व में कटक के पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
बीजद के महिला प्रकोष्ठ ने इस घटना की गहन जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। याचिका में छुरिया ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी और एक अन्य आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी न होने पर चिंता जताई है।
स्नेहांगिनी छुरिया ने कहा, ‘‘नवीन पटनायक के शासनकाल में पुलिस थाने राज्य सरकार के अधीन थे और शिकायतें तुरंत दर्ज की जाती थीं।’’
बीजद के महिला प्रकोष्ठ की नेता ने यह भी आरोप लगाया कि जिस कैफे में अश्लील वीडियो शूट किया गया वह अवैध था।
छुरिया ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए आरोप लगाया ‘‘पुलिस प्रशासन को कैफे में हुक्के के अवैध इस्तेमाल की जानकारी थी। इसी जगह का इस्तेमाल भाजपा के कटक-बाराबती विधायक उम्मीदवार ने इस साल के शुरू में चुनाव के दौरान पार्टी कार्यालय के तौर पर किया था। भाजपा का एक पार्षद भी पास में ही रहता है।’’
फिरदौस ने इस घटना को लेकर शनिवार को पुलिस महानिदेशक वाई बी खुरानिया से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस विधायक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जब पीड़िता आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने गई तो कटक में तीन थानों ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। मैंने पुलिस महानिदेशक से यह जांच करने का अनुरोध किया है कि प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज करने में देरी चिंताजनक है और यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जवाबदेही के बारे में गंभीर चिंता पैदा करती है, खासतौर से जब महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बात हो।’’
फिरदौस ने दावा किया कि पीड़िता से अभी संपर्क नहीं हो पाया है। उन्होंने पीड़िता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि घनी आबादी वाले कटक में इस तरह की घटनाएं पहले कभी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर अब इस शहर में ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो यह चिंता की बात है।’’
कटक के पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि विधायक द्वारा लगाए आरोपों की जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें मामला दर्ज न करने के आरोपों के बारे में सबसे पहले विधायक से पता चला है। पुलिस निश्चित तौर पर मामले की जांच करेगी। हालांकि, न तो पीड़िता और न ही उसके परिवार के किसी सदस्य ने ऐसा आरोप लगाया है। पीड़िता सुरक्षित है।’’
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और ओडिशा को 2026 तक ऐसे अपराधों से मुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं।
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