पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल फायर करने वाले तीन अफसर निलंबित, वायुसेना ने इस वजह से लिया फैसला

Three officers of Air Force suspended : भारत सरकार ने पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल फायर करने वाले तीन अफसरों को बर्खास्त कर दिया है।

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  • Publish Date - August 24, 2022 / 07:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

नई दिल्ली : Three officers of Air Force suspended : भारत सरकार ने पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल फायर करने वाले तीन अफसरों को बर्खास्त कर दिया है। वायुसेना के अधिकारियों से हुई गलती पर भारतीय पक्ष ने खेद जताया था और इसे तकनीकी खामी की वजह से हुआ फायर बताया था। बता दें कि, यह घटना इस साल के शुरूआत में हुई थी जब आकस्मिक गोलाबारी में ब्रह्मोस मिसाइल दाग दिया था।

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वायुसेना ने कही ये बात…

Three officers of Air Force suspended :  दरअसल, यह घटना 9 मार्च 2022 की है। भारतीय वायुसेना में शामिल ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तानी क्षेत्र में फायर कर दिया गया था। इस मामले में हुई गलती की जिम्मेदारी तय करने के लिए सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी सेटअप की थी। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में यह रिपोर्ट सामने आई कि मिसाइल के मानक संचालन प्रक्रियाओं यानी एसओपी का पालन नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ था।

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Three officers of Air Force suspended :  एसओपी का पालन नहीं किए जाने के इंडियन एयरफोर्स के तीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके बाद घटना की जवाबदेही तय करते हुए तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को संस्तुति भेजी गई। 23 अगस्त 2022 को केंद्र सरकार ने तीनों वायुसेना अधिकारियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि, घटना के तत्काल बाद ही भारतीय पक्ष ने यह साफ कहा था कि गलती से पाकिस्तानी क्षेत्र में मिसाइल फायर हो गया। रक्षा मंत्रालय ने गहरा खेद जताते हुए तकनीकी खराबी को दोषी करार दिया था।

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पाकिस्तान ने दर्ज कराई थी कड़ी आपत्ति

Three officers of Air Force suspended :  हालांकि, इस घटना के बाद पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। पाकिस्तान ने बताया कि मिसाइल ने 40,000 फीट की ऊंचाई पर और ध्वनि की गति से तीन गुना तेज गति से उसके हवाई क्षेत्र के अंदर 100 किमी से अधिक की दूरी पर उड़ान भरी। मिसाइल उसके क्षेत्र में जमीन पर आया लेकिन कोई वारहेड नहीं होने की वजह से कोई विस्फोट नहीं हुआ। लेकिन हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का जोरदार विरोध किया गया। पाकिस्तान ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले की जांच करनी चाहिए क्योंकि इससे उसकी यात्री उड़ानें प्रभावित हो सकती थीं और नागरिकों का जीवन खतरे में पड़ सकता था। भारत ने जांच का भरोसा दिया था।

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