नई दिल्ली। Hindutva question asked in BA Exam : देश में रामनवमी के दौरान कई जगह हिंसा की घटनाएं हुई है। इसकी आग अब धीरे-धीरे शांत हो रही है। इस बीच यूपी से एक और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां शारदा यूनिवर्सिटी के बीए पॉलिटिकल साइंस के इंटरनल एग्जाम में हिंदुत्व को लेकर सवाल पूछने पर नई बहस शुरू हो गई है।
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नाराज बीजेपी नेता ने ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली है। वहीं उनके ट्वीट से सोशल मीडिया में बवाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विकास प्रीतम सिन्हा ने लिखा कि ‘यूनिवर्सिटी का नाम ‘शारदा’ पर कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को ‘हिन्दुत्व’ को अनिवार्य रूप से फासी और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है। यह प्रश्नपत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है।’
यूनिवर्सिटी का नाम ‘शारदा’ पर कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को ‘हिन्दुत्व’ को अनिवार्य रूप से फासी और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है। यह प्रश्नपत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है. (Q no. 6)@myogiadityanath @dpradhanbjp @shalabhmani pic.twitter.com/rtTTJzyA0u
— विकास प्रीतम सिन्हा (@VikashPreetam) May 6, 2022
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छठा सवाल सोशल मीडिया में हो गया वायरल
Hindutva question asked in BA Exam : शारदा यूनिवर्सिटी में सेशन 2021-22 के मिड टर्म एग्जाम चल रहा हैं। बीते 6 मई को फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स ने बीए पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स (सेमेस्टर-2) एग्जाम दिया। इस सबजेक्ट के क्वेश्चन पेपर के तीन सेक्शन ए, बी और सी में कुल 8 सवाल पूछे गए लेकिन छठे सवाल की वजह से पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। छठे सवाल में स्टूडेंट्स से हिंदुत्व की तुलना फासीवाद या नाजीवाद से करते हुए अपने विचार रखने के लिए कहा गया।
बनाई गई जांच कमेटी
Hindutva question asked in BA Exam : बढ़ते विवाद को देखते हुए शारदा यूनिवर्सिटी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। इसी के साथ पेपर बनाने वाली कमेटी को सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय ने खेद जताया है। कहना है कि विश्वविद्यालय हर उस विचारधारा के खिलाफ है जो हमारी राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति को बिगाड़े। एक उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में हम सभ्यता के पुनरुद्धार के बड़े मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे धर्म, परंपरा, इतिहास और संस्कृति का सबसे अच्छा उत्सव मनाता है जिसने न केवल भारत के विचार को बल्कि दुनियाभर में मानव ज्ञान के सभी पहलुओं को आकार दिया है।
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