विशाखापत्तनम, 14 अगस्त (भाषा) corona third wave news : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को यहां कहा कि हो सकता है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर न दिखे, लेकिन यह काफी हद तक लोगों पर कोविड के उचित व्यवहार का पालन करने पर निर्भर करता है।
गीताम संस्थान में पत्रकारों से बात करते हुए गुलेरिया ने कहा कि एकमात्र अप्रत्याशित हिस्सा यह है कि वायरस कैसे व्यवहार करता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम ऐसी तीसरी लहर देखेंगे जो दूसरी लहर जितनी खराब होगी।’’
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corona third wave ;इस आशंका का जिक्र करते हुए कि संभावित तीसरी लहर बच्चों को अधिक संक्रमित कर सकती है, एम्स प्रमुख ने कहा कि बच्चे ‘अधिक संवेदनशील’ होंगे क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आम भावना यह है कि वयस्कों को टीका लगाया जा रहा है, बच्चों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा है और इसलिए यदि कोई नई लहर है तो यह उन लोगों को प्रभावित करेगी जो अधिक संवेदनशील हैं। बच्चे अधिक संवेदनशील होंगे।’’
गुलेरिया ने बताया कि सीरो सर्वेक्षण के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे पहले ही संक्रमित हो चुके हैं और उनमें एंटीबॉडीज हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन उम्मीद है कि एक या दो महीने में बच्चों के लिए भी एक (कोविड-रोधी) टीका आ जाएगा और इसके बाद बच्चों का भी टीकाकरण शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जहां तक गंभीर बीमारी का संबंध है, टीके अभी भी प्रभावी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टीके गंभीर बीमारी होने और कोविड-19 से मौत को रोकने में मदद कर रहे हैं। संक्रमण अभी भी हो रहा है लेकिन संक्रमित लोग मुख्य रूप से वे हैं जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है। इसलिए हम कह रहे हैं कि अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण की आवश्यकता है।’’
गुलेरिया ने कहा, ‘‘टीकाकरण के बाद भी संक्रमित होने वाले लोगों में मुख्य रूप से हल्का संक्रमण हो रहा है। इसलिए टीके गंभीर बीमारी से सुरक्षा देने में प्रभावी हैं।’
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